Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 51 भाडखा यह ग्राम बाड़मेर से उत्तर में शिव जैसलमेर बस मार्ग पर पाया हुअा है। यहां पर पहले जैन-धर्मावलम्बी प्रोसवाल जाति के 48 गांवों की पंचायतें होती थी। 24 गांव बाड़मेर पंचायत तथा 24 गांव कोटड़ा पंचायत की सम्मिलित बैठक गांव भाडखा में होती थी। यहां पर श्रीनेमिनाथजी का मन्दिर है। (223) 1. श्रीमूलनायकजी प्रतिमा लेख: / / संवत 1928 रा मिति माघ सुदि 6 श्रीजिनमुनिसूरिभिः कारितं समस्त श्रीसंघेन / (224) 2. प्रतिष्ठा लेखः भाडखा रा जैनसंघ रो देरासर करावेउः श्रीजीतसागरजी को वार श्रीमेगनाथजी री में / 1678 रा वैसाख वद 4 वा: शनीशर / (225) 3. पंच धातु प्रतिमा लेखः // सं. 1518 वर्षे ऊकेशवंश माह सु 10 सा. देसल सा. कुसला श्रावकेरण स्वपुण्यार्थे प्रात्मश्रेयसे श्रीपद्मप्रभबिंब कारितं / प्रतिष्ठितं श्रीखरतरगछे श्रीजिनभद्रसूरिभिः (226) 4. पंच धातु प्रतिमा लेख: सवत 1556 वर्षे ज्येष्ठ सुदि 8 शुक्रे श्रीउएसवंशे श्रे. नंदा भा. तायकदे पुत्र श्रे. प्रांबा सुश्रावकेरण भा. हेमाई पुत्र श्रे, कान्हा लघुभ्राता श्रे. वधमानस हितेन स्व-श्रेयसे श्रीअंचलगछेशश्र सिद्धान्तसागरसूरीश्वराणमुपदेशेन श्रीवासुपूज्यबिंब कारि. प्र. श्रीसंघेन श्रीअहमदावादे / मजल यह ग्राम समदड़ी अजीत बस मार्ग पर आया हया है। यहाँ पर श्रीसुमतिनाथजी मूलनायक भगवान का शिखरबन्ध मन्दिर है। साथ में श्रीसंभवनाथजी, श्रीशांतिनाथजी भगवान् स्थापित हैं। प्रतिमाओं की स्थापना सवत 2035 में हुई।