Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 62
________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 43 . (185) 6. संवत 1450 वर्षे माह वदि 6 सोमे श्रीश्रीमाल वा.व. लूणकरण भार्या ललतोद पुत्र वीकाकेन श्रीचन्द्रप्रभबिंब कारितं श्रीरत्नसागरसूरिणमुप देशेन प्र. श्रीसूरि / (186) 7. सं. 1503 वर्षे श्रीश्रीमाल ज्ञा पितृ पूनसिंह मातृ पदमलदे व भ्रातृ नरसिंह व स्व श्रेयांस सुत वीकाकेन श्री विमल पंच तीर्थों का. प्र. पिप्पलगणति भवीप्रा. श्रीधर्मशेशरसूरिभिः (187) 8. सं. 1506 फागुन सु. 2 प्राग्वाट मं. प्रासा भा. कूजी पुत्र म. जहता केन भार्या मानू पुत्र वीसादि कुटुंब युतेन श्रीधर्मनाथबिबकारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः (188) 6. संवत 1573 वर्षे माह वदि 13 उसवालज्ञातीय फोफेलीयागोत्रे सा. जईता भा. पयतलदे पु.सा. भोलानाथ, तोला भा. नारंगदे स्वपुण्यार्थ श्रीसुविधिनाथ बिम्ब कारापितं श्रीधर्मघोषगच्छे प्रतिष्ठितं श्रीउदयप्रभसूरिभिः (186) 10. सं. 1527 माघ व. 7 वीरवाटक वा. प्राग्वाट म. हीरा भा. कूअड़ पु म. इलहाकेन भा. दाडिमदे पु. लगा दिकुटुंबयुतेन श्रीविमलनाथबिंब का प्र. तपाश्रीरत्न शेखरसूरिपट्ट श्रीलक्ष्मोसागरसूरिभिः / / (190) 11. संवत 1558 वर्षे वै. वदि 13 सोमे चंडालीयागोत्रे म. वाधा भार्या राजू पुत्र वना भार्या श्रीवती पुत्र सा. दीझा. प्रमुखपरिवार स्वपुण्यार्थ बिंबकारितं श्रीचन्द्रप्रभसबिंब श्रीषरतरगच्छे श्रीजिनहंससूरिभिः प्रतिष्ठतं / ___(161) 12. नवीन बड़ी प्रतिमा पंचधातु लेख गुजराती भाषा:-- .) :: स्वस्ति श्रीशिवगंजनगरे श्रोवीर सं. 2501 श्री विक्रम सं. 2031 वैशाख सुदि 15 तिथी श्रोशांति जिनबि शिवगंज (राजस्थान) श्रेष्ठिवर्य बाड़मेर निवासो मुता गोत्रीय मालू शाह लणकरणजी की धर्मपत्नी श्रीमती

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