Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख मोहन सं. करमचन्द स. हरचन्द सं. सामल सं. कुप्ररजी सं. प्रासकरणं समस्त कुटुम्बयुतेन श्रोनमिनाथबिंब का. प्र. श्रीविजयराजसूरिभिः / (139) 3. पंच धातु बड़ी प्रतिमा लेखः / संवत 1466 वर्षे वैशाख सु 13 शुक्रे / श्रीश्रीमालज्ञा. स. राजा स. सुनसम नरसिंह भा. बाई नागनदे सुन सा. सामल / / स. सामल भार्या-वानूसहितेन पित्री सूधा पितृव्य सा. नापा स. जाटा स. धर्मा / / पांचएति खात भात // धना करम च श्रेयांसश्रीपादिनाथचतुर्विशतिपट्ट कारितः // प्रतिष्ठितः पिप्पलगच्छ भट्टारक श्रीमुनिशेखरसूरिपट्टे श्रीगुणरत्नसूरिभिः / / श्रीः (140) 4. पंच धातु मंझली प्रतिमा लेखः संवत 1603 महा वदि 5 शुक्र श्रीउदयपुरवास्तव्य श्रीसहस्रफरणापार्श्वनाथ जो श्रीधर्मशालासंघ समस्त मारणकबाई श्रीशांतिनाथ पंचतीर्थी कारापितं तपागच्छे प. रूपविजयगरिणभिः प्रतिष्ठितं च / / (141) 5. प्रतिष्ठा लेख :-- सं. 1976 मि. प्राषाढ़ कृष्ण 7 शुक्रवार श्रीबाहड़मेरनगरे श्रीपार्श्वजिन चैत्ये प्रांचलगच्छे पं. जीणवेदो प्रतिष्ठिता श्री विवेकसागरसूति विजमराज्ये श्रीजिनकृपाचन्द्रसूरि-शिष्य पं. जीतसागरोपदेशे व श्रीसघश्रीपुण्यार्थ त्रिलोकचन्दमुनिना चिरजदतु : ...... (142) 6 पब्बासन के नीचे लेख :-- ... सं. 1665 वर्षे सा. ठाकुरसीकेन कारापिता (143) 7 श्रीमूलनायकजी के पास जिनप्रतिमा लेख :-- इद श्रीग्रजीतनाथ जिनबिंब अचलगच्छाधिपति प्राचार्यश्रीगुणसागर, सूरोवरेण प्रति ठं बाड़मेर पावलगच्छीय संवत् 2033 मिगसर शुक्ला 11 बुध।