Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 57
________________ 38 ] बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख भोली पुत्र जिनदास मेहाजस युतेन स्व. श्रेयांस श्रीकुथनाबिंब का. आगमगच्छ श्रीहेमरत्नसूरिणामुपदेशिन प्रतिष्ठितः / / श्री शांतिनाथजी का मन्दिर (156) 1. श्री महावीरजी की मूर्ति पर लेख:___महात्मा किशनलालजी की स्मृति में / (157) 2. श्री चन्दाप्रभुजी प्रतिमा लेखःचन्दा प्रभुजीबिंब टापरा श्रीसंघेन प्रतिष्ठितं / (158) 3. श्रीमलनायकजी पर लेख सीमेण्ट के कारण अस्पष्ट:संवत 1862 शाके 1738 श्रीपार्श्वनाथ मन्दिर (बोथरा मन्दिर) (156) 1. पंच धातु प्रतिमा छोटी: सं. 1527 व माह सु 13 सा. साल्हा भा. हासलदे पु. सा. गुणदत्तेन भा. गेलमदेव तिहणा गोपादिक युतेन श्रीसुमतिनाबिंब का. प्र. तपागच्छे श्रीसोमसुन्दरसूरि सताने श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः ।।श्री।। : . (160) 2. // सं. 1580 वर्षे वैशाख सुदि 13 शुक्र श्रीश्रीमाली ज्ञा. म. हीरा भा. सषी सु. मं. हेमा भा. हमोरदे पुत्र म. भवाकेन भा. वसी सु. अमरा युतेन स्व श्रेय से श्रीसुविधिनाबिंब श्री प्र. श्री पुण्यरत्नसूरि पट्टे श्रीसुमतिरत्नसूरिण मुपदेशे कारितं प्रतिष्ठितं च विधिना ॥श्रीः।। (161) 3. श्रीमूलनायक प्रतिमा लेखः- .... / सं. 1628 शाके 1763 प्रवर्तमाने मिति माघ सुदि 12 गुरी श्रीपाश्वजिनबिंब प्रतिष्टितं श्रीमद्वृहदखरतरगच्छाधीश्वर जगम / युगप्रधान भट्टारक श्रीजिनयशोसूरिभिः

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