Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 15 3. जिन प्रतिमा कायोत्सर्ग मुद्रा। श्वेत पाषाण / करीब प्राधा मीटर। .: 4. कीर्तिमुख / पद्मासन जिन-प्रतिमा / दोनों किनारों पर युगल स्त्री-पुरुष / श्वेत पाषाण / 1. 5. कीर्तिमुख / पद्मासन जिन-प्रतिमा दोनों किनारों पर युगल स्त्रीपुरुष / श्याम पाषाण। 6. श्वेत पाषाण अम्बिका / आधा मीटर 7. श्रीपार्श्वनाथ जिन-प्रतिमा। पद्मासन / मय परिकर / करीब प्राधा मीटर / 8. देव-प्रतिमा श्वेत पाषाण 6. देवी-प्रतिमा चारभुजा / मकरासन / प्राधा मीटर / 10. श्याम पाषाण जिन-प्रतिमा / कायोत्सर्ग मुद्रा / ग्राम जसोल ..... यह ग्राम जोधपुर बाड़मेर के बालोतरा रे. स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर है / बालोतरा व जसोल के बीच लूनी नदी बहती है / बालोतरा से . नाकौड़ाजी जाने वाले बस मार्ग पर स्थित है। 1. जसोल वृहत्खरतरगच्छीय जैन उपाश्रय यंतिजी. चुन्नीलालजी लालचन्दजो। (60) 1. पोषधशाला-निर्माण लेख:... श्रीगौड़ीपार्श्वनाथजी सहाय // श्रीगौतमस्वामीजी लब्धी ॥:श्रीमहालक्ष्मीजी रिद्धि वृद्धि कुरु / / श्री भैरू बावन वीर गोरा काला चोसल जोगिनी सुप्रसन्न भवन्तु ।।श्री।।२४।।श्री।। .. श्रीजिनायनमः / ॐ ह्रीम श्रीम् नमः / / संवत 1848 वर्षे पासोज सु. 6 नवमी थी उपासरे रो कारखानो शुरु कोनो श्रीवृहतखरतरगच्छे जंगम युगप्रधान विद्यमान भट्ठार्क जी. श्री 108 श्रीश्रीजिनचन्द्रसूरिजी विजयराज्ये श्रीश्रीजिन भद्रसूरि साखायाम उपाध्याय श्री 108 श्रीकनकचन्द्रजीगणी तत्शिष्यवाचकश्रीश्रामहिमाकल्याणजी तशिष्यउपाध्यायजी श्री 108 श्रीताराचन्दजीगरिण तत्शिष्य उपाध्यायश्री