Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 40
________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 21 नहीं है परन्तु पूर्वकाल में रही होगी, ऐसा यहां के खण्डहर जैन मन्दिर से मालूम पड़ता है / यहाँ एक ईटों का बना हुप्रा शिखरबन्द मन्दिर है जो जमीन में धंस रहा है / उसके दरवाजे में जाने के लिये भी हाथों के बल रेंगना पड़ता है। ...... . .... थोब .. यह ग्राम बालोतरा प्रागोलाई बस मार्ग पर पाया हुआ है / यहाँ पर एक उपासरा है जिसमें एक पंच धातु प्रतिमा है / (77) 1. पंच धातु प्रतिमा लेखः सं. 1568 वर्षे माह सुदि 4 गुरौ उएके कुन्तीयान्तरगोत्रे / सा. साजण भा. सारवई पु. श्रोरग भा. सकतादे पुत्रपदमानण वोरडातेन भ्राता पुण्यार्थ श्री ऋषभबिंब कारितं प्रतिष्ठित श्रीधर्मघोषगछे जति शृतसागरसूरिभिः ततऽट्ट श्रीश्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः / / श्रुते / / . . यहाँ पर तालाब पर जैन देवलियां भी प्राप्त हुई है जिनके लेख इस प्रकार हैं . (78) 1. // श्रीरामजी। संवत 1901 पोह वद 13 वार सोम दन मु. वागाजी बालसंदाणी जात लुणोया लारे सती हुई संपादे महेवसा कलांगण सिघजी री वार में / लीखत रामा दुरगा। -- (76) 2. // श्रीरामजी।। संवत 1604 रा सरामण सुद 1 रे दन सा. वाला रागणी जात रा वागरेचा तणां लारे सती हुई 1904 रा प्रासोज सुद 12 रे दन हई मास 2 दन 11 पची हुई। मेवसा ढा. श्रीकलाणसीगजी उदेसीगोत / . धोरीमना यह ग्राम ग्राम बाड़मेर से दक्षिण में पाया हुआ है। यह गांव पंचायत समिति का मुख्यालय है तथा गुड़ा मालानी तहसील के अन्तर्गत है। बाड़मेर से यहाँ तक बस सेवा है तथा बाड़मेर सांचोर, बाड़मेर महमदाबाद बस के रास्ते पर है। यहां पर एक जैन मन्दिर है जो घर मन्दिर है / मूलनायकजी श्रीशान्तिनाथजी है / यहां निम्न लेख प्राप्त हैं /

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