Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख . छै पचपदरै रा महाजना समस्त ने श्रीदरबार सू महरवान होयने नड़ विराड माफ कीयौ है श्री पाल-पोलाद ...........जमीन में लेख / पादरू ग्राम पादरू-बालोतरा से बस जाती है। मोकलसर रमणीया से भी बस पाती है / यहां पर एक जैन-मन्दिर है जिसका जीर्णोद्धार का काम चालू है / श्री संभवनाथजी मूलनायक का मन्दिर शिखरबन्द है। (120) 1. प्रतिष्ठा लेख ॐ अर्हते नमः - वि सं. 2020 ज्येष्ठ शुक्ला 5 चन्द्रवासरे पुनर्वशु नक्षत्रे मिथुनलग्ने श्रीपादरुन गरे श्रीसकलसंधेन श्रीसौधर्मवृहत तपोगच्छीय श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश तत्पट्ट विभूषित श्रीमद्विजयधनचन्द्रसूरि श्रीमद्विजयभूपेन्द्रसूरि श्रीमद्विजययतीन्द्रसूरि शिष्य श्रीसंघ प्रमुखगणाधीश मुनिप्रवर विद्या विजय-करकमलोभ्यः प्रकर्ष महोत्सवसह प्रतिष्ठा करापिताः। 2. श्रीमूलनायकजी संभवनाथजी लेख - // यतेतर 6 सहस्रनिते संवत्सरे माघमासे सितेपक्षे मुणोत सा. हिन्दुजो सुत सोगमलेन श्रीसंभवनाथस्वामिनप्रतिबिंब सिद्ध कारिता च तद अंजनशलाका गदैया माणकजी सुत परागचन्द्रेण एवं कृता श्रीमद्यतीन्द्रसूरिभिः माहोरनगरे / (122) 3. श्रीशीतलनाथजी लेख - सं. 2002 माघ सुद 6 गुरुवासरे मुणोत हिन्दुजी सुत सोगमलेन श्रोशीतलनाथ जिनबिंब निर्मापितं तद अंजनशलाका गदैया माणकजी सुत परागचन्द्रेण कारापितं / . (123) 4. श्रीश्रेयांसनाथजी लेख विक्रम सं. 2002 माघ सुदि 6 गुरुवासरे नेनावत भगजी सुत मांगीलालेन श्रीश्रेयांसनाथ-जिनालय कारितं गदैया मारणकजी सुत