Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ . बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख सुललित भा. ललतादे पु. साहरण केन. भा. संसारादेयुतेन पित्ररौ श्रेय. से श्रीअजितनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं श्रीश्रीककसूरिभिः / . . /(67) 8. पंच घातु प्रतिमा लेख:.... सं.-१५१६ साव सु, 1 सोम प्रा. प. सावंत भा. नासलदे पुत्र सुदाकेन भा. वाहमाल्ही पु. मेरा-तोलादियुतेन स्व श्रेय से श्रीकुथुनाबिंब कारितं प्र. तपा. श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः / / . .. ... तपागच्छ उपासरा , अक्षरों में गलत तरीके से रंग भरने से लेख खराब हो गया है। 6. .......... श्री 108 विजयदेव ..........सकल पंडित सिरोमणी श्री 108 श्रीइन्द्रसागरजी........ श्रीश्रीमाणिकसागरजी तशिष्य संजय. सागरजी मिथुनसागरजी. शिष्य सुखसागरजीसहितेन कारापिता ........ रावलजी श्रीसूरजसिंघजी . . श्रीशांतिनाथजी मन्दिर श्रीसंघ खरतरगच्छ 10. 24 तीर्थंकरों की माताएं-श्वेत संगमरमर नामपट्ट संवत् 1356 1111 (70) : 11. श्रीमूलनायकजी शांतिनाथजी लेख: संवत् १२३२..........माल्हणदेव गुणचन्द कारापितं प्रतिष्ठितं श्रीविजयसिंहसूरिभिः / 12. पादुका लेख:... संवत 17 रा फागुण सुदि.२ वाचनाचार्य श्रीहीराणंदजी वाचनाचार्य श्रीजीवराजजी उपाध्याय श्रीकनकचन्द्रजी वाचनाचार्य श्रीमेघराजजी भट्टार्क श्रोलाभसूरि राज्ये जसोल श्रीसंघे करापितं पंडित ताराचन्द्र उपदेशात। (72) 13. खेड़ के भग्नावशेष श्रीमहावीरं मन्दिर का पाषाण पट्ट जो जसोल में ... प्राप्त: 1. संवत 1246 वर्षे कात्तिक वदि 2 श्रीभाव ... 1. संवत 1246 वर्षे कात्तिक
Loading... Page Navigation 1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136