Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (23) 3. पादुका जी बड़ी लेख :- . .. // संवत् 1581 वर्षे भादवा सुदि 4 दिनै श्रीगुणलाभगणी नां पादुके कारित प्रतिष्ठते श्रीकोटड़ादुर्ग मध्ये कल्याणमसूरिः (24) 4. पादुकाजी बड़ी लेख : संवत् 1602 वर्षे प्राषाढ़ मास शुक्ल पक्षे नवम्यां तिथौ रविवार श्रीकोटड़ासंधेन फारित श्रीमजिन कुशलसूरीश्वर पादुका / स्वस्तिश्रीजयो नित्यम / / (25) 5. चौबीसी-सब तीर्थंकरों व उनकी माताओं के नामपट्ट क्रमांक सहित: 1 लेख-- .संवत् 1600 वर्षे चेत्र मास सुदि 6 6. पंच धातु प्रतिमा (1) श्री शान्तिनाथ जी: / / सं. 1537 वर्षे वे. सुदी 6 दिने उकेशवशे आईच्चरणगोत्र साधुशाखायां पवछा भा. वालहदे पुत्र गेला नरा गेलाभ्यां भा. गेलमदे पू. सोना रत्नपाल नरा भा. नारिंगदे पू. सहजा भा. सूहागदे पू. गजादिस. श्रीशान्तिनाथबिंब का. प्र. श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरि पट्ट श्रीजिनसमुद्रसूरिभिः (27) 7. पंच धातू प्रतिमा (2) श्रीशीतलनाथजो : ॥संवत् 1530 वर्षे पोष वदि 2 बुधे श्रीब्राह्मणगछे श्रीश्रीमालज्ञातियः श्रेष्ठी षोजा भा. हांसी सु. धनाकेन भा. मिरणीयूतेन सु. धर्मासहितेन मात्र-पित्र-श्रेयार्थः श्रीशीतलनाथबिंब का. प्र. श्रीबुद्धिसागरसूरिभिः किरिडूवास्तव्य / / (28) 8. पंच धातु प्रतिमा 3 श्रीवासुपूज्यजी: सं. 1512 वर्षे वैसाख सुदि 10 गुरु उ. ज्ञा. सा. महिराज़ भा. रादे सु. नयिणमलय सीरामा म्यारामा भा. राजू मात्र श्रेयसे श्रीवास्तु. अविनका. प्र. श्रीवृधब्राह्मरणीया वटके श्रीउदयप्रभसूरिभिः श्रीः / /
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