Book Title: Anekant 2010 Book 63 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 14
________________ अनेकान्त 63/1, जनवरी-मार्च 2010 वाचनालय, पठारी सागर, 38 11. धर्मसार भाषा, सकलकीर्ति भट्टारक/पं. शिरोमणिदास, 30, श्री अनेकांत वाचनालय, पठारी-सारग, 66 12. पासाकेवली (हिन्दी ज्योतिष), 10, श्री अनेकांत वाचनालय, पठारी-सागर, 72 13. धम्म रसायण (प्राकृत), आ.पद्मनंदी, 24, प्राचीन दि. जैन मंदिर शास्त्र भण्डार, बड़ा बाजार, खिमलासा, 173 14. संबोध पंचासिका (प्राकृत), 5, प्राचीन दि. जैन मंदिर शास्त्र भण्डार, बड़ा बाजार, खिमलासा, 229 15. त्रिलोक प्रज्ञप्ति सटीक, मूल जिनचंद सूरि, टीका पं. मेधावी, 224, श्री दि. जैन बुद्धधुव्या का मंदिर, चकराघाट, सागर, 24 16. धर्मसार भाषा मूल सकलकीर्ति भट्टारक, पं. शिरोमणिदास, 71, श्री दि. जैन बुद्धधुव्या का मंदिर, चकराघाट, सागर, 8 17. अकलंकाष्टक भाषा वचनिका, पं. सदासुखदास, 17, श्री दि. जैन बुद्धधुव्या का मंदिर, चकराघाट, सागर, 10 18. अकलंकाष्टक भाषा वचनिका, पं. सदासुखदास, 10, श्री दि. जैन बुद्धधुव्या का मंदिर, चकराघाट, सागर, 150 19. नवरस विलास (हिन्दी), 12, श्री दि. जैन चौधरी मंदिर, गढ़ाकोटा, सागर, 4 20. सोलकारण उद्यापन पूजा, (संस्कृत), सुमतिसागर, 65, श्री दि. जैन चौधरी मंदिर, गढ़ाकोटा, सागर, 110 21. वृषभनाथ चरित्र (संस्कृत), सकलकीर्ति भट्टारक, 114, श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मदिर, चकराघाट, सागर, 67 22. कली चतुर्दशी कथा (हिन्दी) 32, श्री पार्श्वनाथ दि. जैन मंदिर, चकराघाट, सागर, 92 23. धर्मसार भाषा, सकलकीर्ति भट्टारक/पं. शिरोमणिदास, 67, श्री सन्मति साहित्य सदनवर्णी भवन, मोराजी, सागर, 294 24. धर्मसार भाषा, सकलकीर्ति भट्टारक/पं. शिरोमणिदास, 62, श्री सन्मति साहित्य सदनवर्णी भवन, मोराजी, सागर, 435 25. शकुनावली (संस्कृत, ज्योतिष), 7, श्री सन्मति साहित्य सदनवर्णी भवन, मोराजी, सागर, 369 26. सामुदिक शास्त्र (हिन्दी, ज्योतिष),5, श्री सन्मति साहित्य, सदनवर्णी भवन, मोराजी, सागर, 370

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