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अनेकान्त
_बाहुवली महामस्तकाभिषेक-20052
विशेषांक
विकसित नील कमल दल सम हैं जिनके सुन्दर नेत्र विशाल शरदचन्द्र शरमाता जिनकी निरख शांत छवि, उन्नत भाल चम्पक पुष्प लजाता लख कर ललित नासिका सुषमा धाम विश्ववंद्य उन गोम्मटेश प्रति शत-शत बार विनम्र प्रणाम