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अनेकान्त 58/3-4
बाहुबली में क्या गुण थे? प्रस्तुत प्रश्न के उत्तर में यह प्रश्न पूछना ही समुचित समाधान कारक होगा कि बाहुबली में क्या-क्या गुण नहीं थे? अर्थात् वे सभी पुरुषोचित सद्गुणों से सम्पन्न व्यक्ति थे। उनके विषय में तो यह भी जनश्रुति है कि प्रव्रज्या के उपरान्त और मोक्ष के प्रस्थान तक उन्होंने एक ग्रास आहार भी ग्रहण नहीं किया। उनकी अद्वितीय क्षमता को देखकर लगता है कि जैसे उनमें सभी मानवों का साहस पुंजीभूत हो गया हो। बाहुबली का जीवन और चरित्र यथानाम, तथागुण; का केन्द्रबिन्दु है। ___ बाहुबली की प्रतिमा के विषय में सुप्रसिद्ध मूर्तिकार मूलचन्द्र रामचन्द्र नाहटा ने अभिमत दिया-एक सहस्र वर्ष से भी अधिक प्राचीन प्रतिमायें सहस्रों की संख्या में आजकल उपलब्ध हैं जिनके दर्शन और पूजन करने के लिए हम तीर्थ क्षेत्रों पर जाते हैं परन्तु उनमें वह सौन्दर्य, वह कला नहीं है, जो श्रवणबेलगोला के बाहुबली की प्रतिमा में है। शिल्पकला की दृष्टि में यह प्रतिमा अद्वितीय और अप्रतिम, अप्रतिद्वन्दी और अजातशत्रु है।
प्रतिमा की रूपरेखा :
मैसूर संस्थान के चीफ कमिशनर मि. बोरिंग ने स्वयं मापकर प्रतिमा की ऊँचाई 57 फीट बतलाई। प्रतिमा के अवयवों का संक्षिप्त विवरण सप्रमाण निम्नलिखित है
प्रमाण
फुट
इंच
मीटर
चरण से कर्ण के अधोभाग तक कर्ण के अधोभाग से मस्तक तक चरण की लम्बाई चरण की अग्रभाग की चौड़ाई चरण का अंगूठा पाद-पृष्ठ के ऊपर की गोलाई
6 9 4
6 - 6
15.25 2.00 2.75 1.37 0.84 1.93