Book Title: Anand Pravachan Part 03 Author(s): Anand Rushi, Kamla Jain Publisher: Ratna Jain PustakalayaPage 15
________________ १४ मुझे आशा है कि इसे भी आप पसंद करेंगे तथा भविष्य के लिये मुझे प्रेरणा तथा उत्साह प्रदान करेंगे। इस तृतीय भाग के सम्पादन में प्रकाण्ड विदुषी महासती श्री उमराव कुवर जी 'अर्चना' का जो सहयोग और सद् प्रेरणा मिली है उसके लिये मैं बहुत आभारी हूँ। ___ अन्त में केवल इतना ही कि “आन्नद-प्रवचन" के प्रथम दोनों भागों के समान ही इस तीसरे भाग से भी पाठक अधिकाधिक लाभ खठाएँगे तो मैं अपना प्रयत्न सार्थक समझूगी। -कमला जैन 'जीजो' एम० ए० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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