Book Title: Agam 26 Prakirnak 03 Maha Pratyakhyan Sutra
Author(s): Punyavijay, Suresh Sisodiya, Sagarmal Jain
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 34
________________ महाप्रत्याख्यान गाथा क्रमांक मरण विभक्ति गाथा क्रमांक २४३१ २४४ २४५ २४६ २४७ २४८२ २४९ २५१३ २५२ २५३ २५४ २५५ २५६ २५७ २५८ २५९ २६२ २६०४ २६१५ २६४६ २६३ १. यहाँ प्रथम चरण में 'एक्को करेइ कम्म' के स्थान पर 'एक्को जायइ मरइ य' -इन शब्दों का प्रयोग हुआ है। २. इस गाथा में शब्द रूप में आंशिक भिन्नता है, किन्तु भागवत समानता है। ३. यहाँ तीसरे चरण में 'उववाए' के स्थान पर 'परिभोगेण' शब्द प्रयुक्त हुआ है। ४. यहाँ दूसरे चरण में 'अट्ट रोदाई के स्थान पर 'सुप्पसत्थाणि' शब्द प्रयुक्त हुआ है। ५. यहाँ दूसरे चरण में 'धम्म-सुक्काई' के स्थान पर 'सुपसत्थाणि' शब्द प्रयुक्त हुआ है, लेकिन भावगत समानता है। ६. यहाँ 'सच्चविऊ' के रथान पर 'अप्पमत्तो' शब्द प्रयुक्त हुआ है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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