Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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85555555555555555555555555555555555 ॐ सान्तन, स्वस्तिक आदि सोलह प्रकार के भवनों के निर्माण में कुशल था। शिल्पशास्त्र में प्रसिद्ध चौंसठ
प्रकार के घरों की रचना में चतुर था। नन्द्यावर्त, वर्धमान, स्वस्तिक, रुचक तथा सर्वतोभद्र आदि विशेष
प्रकार के गृहों, ध्वजाओं, इन्द्रादि देवप्रतिमाओं, धान्य के कोठों की रचना में, भवन-निर्माणार्थ अपेक्षित ऊ काठ के उपयोग में, दुर्ग आदि निर्माण के अन्तर्गत जनावास हेतु अपेक्षित पर्वतीय गृह, सरोवर, यानवाहन, तदुपयोगी स्थान-इन सबके संचयन और सन्निर्माण में समर्थ था।
(गाथा) वह शिल्पकार अनेकानेक गुणयुक्त था। राजा भरत को अपने पूर्वाचरित तप तथा संयम के फलस्वरूप प्राप्त उस शिल्पी ने कहा-स्वामी ! मैं आपके लिए क्या निर्माण करूँ? राजा के वचन के ॐ अनुरूप उसने देवकर्मविधि से-चिन्तन मात्र से रचना कर देने की अपनी असाधारण, दिव्य क्षमता द्वारा + मुहूर्त मात्र में-सैन्य-शिविर तथा सुन्दर आवास-भवन की रचना कर दी। वैसा कर उसने फिर उत्तम पौषधशाला का निर्माण किया।
तत्पश्चात् वह जहाँ राजा भरत था, वहाँ आया। आकर शीघ्र ही राजा को निवेदित किया कि 5 ॐ आपके आदेशानुरूप निर्माण कार्य सम्पन्न कर दिया है। इससे आगे का वर्णन सूत्र ४५ के अनुसार है। के जैसे राजा स्नानघर से बाहर निकला। बाहर निकलकर, जहाँ बाह्य उपस्थानशाला थी, चातुर्घट अश्वरथ ॥ था, आया।
60. That Vardhakiratna was expert in building properly an ashram, a port, a village, a town, an army camp, the houses, the shops and the like. He had expertise of 81 types of constructions. He had expert knowledge in selecting and arranging building material properly. He was an expert specialist in 45 types of building experiments relating to the construction treatise. He was expert in culling, piercing and sawing wood and the like, in making with red thread the lines indicating the required measurements. He had the due knowledge regarding the appropriate time for constructing tunnels on land and in water, in digging ditches. He had expert knowledge as to when such construction should not be done. Regarding linguistic study, he had expert knowledge of selecting suitable names and the like, the grammatical knowledge of sketching and writing them properly. He had also the knowledge of how the
construction of the place for worship of celestial beings guarding the 4 different directions, dining hall, kitchen, rest house and the like should 4 be selected, properly arranged and constructed. He had expert
owledge of suitable plantation, creepers that produce fruit of good quality, creepers that do not produce fruit or whose fruit grow at a large distance or after a very long time, trees and the qualities of creepers spreading on them--their merits and demerits. He had the knowledge of palmistry. He was expert in constructing sixteen types of building तृतीय वक्षस्कार
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Third Chapter
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