Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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நிமிமிமிமிமிமிமிததமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிழக
[प्र. १८ ] जंबुद्दीवे णं भंते ! दीवे केवइआ सलिला सय सहस्सा पच्चत्थिमाभिमुहा लवणसमुद्दे समप्पेंति ?
[उ.] गोयमा ! सत्त सलिला सय सहस्सा अट्ठावीसं च सहस्सा ( लवणसमुद्द) समप्पेंति ।
एवामेव सपुब्बावरेणं जंबुद्दीवे दीवे चोद्दस सलिला सय सहस्सा छप्पण्णं च सहस्सा भवतीतिमक्खायं इति ।
१५८. (१) खण्ड, (२) योजन, (३) वर्ष, (४) पर्वत, (५) कूट, (६) तीर्थ, (७) श्रेणियाँ, (८) विजय, (९) द्रह, तथा (१०) नदियाँ - इनका प्रस्तुत सूत्र में वर्णन है, जिनकी यह संग्राहिका गाथा है।
[प्र. १ ] भगवन् ! (एक लाख योजन विस्तार वाले) जम्बूद्वीप के (५२६१९ योजन विस्तृत) भरत क्षेत्र के प्रमाण जितने - भरत क्षेत्र के बराबर खण्ड किये जाएँ तो कितने खण्ड होते हैं ?
[ उ. ] गौतम ! खण्डगणित के अनुसार वे एक सौ नब्बे होते हैं।
[प्र. २ ] भगवन् ! योजनगणित के अनुसार जम्बूद्वीप का कितना प्रमाण है ?
[उ. ] गौतम ! जम्बूद्वीप का क्षेत्रफल - प्रमाण (७,९०,५६,९४, १५०) सात अरब नब्बे करोड़ छप्पन लाख चौरानवे हजार एक सौ पचास योजन है।
[प्र. ३ ] भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने वर्ष - क्षेत्र हैं ?
[उ. ] गौतम ! जम्बूद्वीप में सात वर्ष क्षेत्र हैं- (१) भरत, ( २ ) ऐरावत, (३) हैमवत, (४) हैरण्यवत, (५) हरिवर्ष, (६) रम्यकवर्ष, तथा (७) महाविदेह ।
[प्र. ४ ] भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत कितने वर्षधर पर्वत, कितने मन्दर पर्वत, कितने चित्र कूट पर्वत, कितने विचित्र कूट पर्वत, कितने यमक पर्वत, कितने काञ्चनक पर्वत, कितने वक्षस्कार पर्वत, कितने दीर्घ वैताढ्य पर्वत तथा कितने वृत्त वैताढ्य पर्वत हैं ?
[उ.] गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत छह वर्षधर पर्वत, एक मन्दर पर्वत, एक चित्र कूट पर्वत, एक विचित्र कूट पर्वत, दो यमक पर्वत, दो सौ काञ्चनक पर्वत, बीस वक्षस्कार पर्वत, चौंतीस दीर्घ वैताढ्य पर्वत तथा चार वृत्त वैताढ्य पर्वत हैं। यों जम्बूद्वीप में पर्वतों की कुल संख्या ६+१+१ + १ + २ + २०० + २० + ३४ + ४ = २६९ ( दो सौ उनहत्तर) हैं ।
[प्र. ५ ] भगवन् ! जम्बूद्वीप में कितने वर्षधरकूट, कितने वक्षस्कारकूट, कितने वैताढ्यकूट तथा कितने मन्दरकूट हैं ?
[उ.] गौतम ! जम्बूद्वीप में छप्पन वर्षधर कूट, छियानवे वक्षस्कार कूट, तीन सौ छह वैताढ्य कूट तथा नौ मन्दर कूट बतलाये हैं। इस प्रकार ये सब मिलाकर कुल ५६ + ९६ + ३०६ + ९ = ४६७ कूट हैं ।
[प्र. ६ ] भगवन् ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में कितने तीर्थ हैं ?
[उ. ] गौतम ! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत भरत क्षेत्र में तीन तीर्थ हैं - (१) मागध तीर्थ, (२) वरदाम तीर्थ, तथा (३) प्रभास तीर्थ ।
षष्ठ वक्षस्कार
(453)
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Sixth Chapter
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