Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 560
________________ 5555555555555555555555558 At the time of sunset also like that of sunrise, due to less heat, the sun appears to be close by although it is at a distance. Gautam ! There are the course of the sun appearing to be close by or at a distance. 9F5FFFFFFFFFFFFFFFFFFF听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 क्षेत्रगमन AREA OF MOVEMENT १७०. [प्र. ] जम्बुद्दीवे णं भंते ! दीवे सूरिआ किं तीअं खेत्तं गच्छंति, पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छन्ति, अणागयं खेत्तं गच्छन्ति ? __ [उ. ] गोयमा ! णो तीअं खेत्तं गच्छन्ति, पडुप्पण्णं खेत्तं गच्छन्ति, णो अणागयं खेत्तं गच्छन्ति त्ति। [प्र.] तं भंते ! किं पुढे गच्छन्ति जाव नियमा छदिसिंति, एवं ओभासेंति, तं भंते ! किं पुढे ओभासेंति ? ___ [उ.] एवं आहारपयाई अव्वाइं पुट्ठोगाढमणंतरअणुमहआदिविसयाणुपुबी अ जाव णिमा छदिसिं, एवं उज्जोवेंति, तवेंति, पभाति ११। १७०. [प्र. ] भगवन् ! क्या जम्बूद्वीप में सूर्य अतीत-गतिविषयीकृत-पहले चले हुए क्षेत्र काअपने तेज से व्याप्त क्षेत्र का अतिक्रमण करते हैं अथवा प्रत्युत्पन्न-वर्तमान क्षेत्र का अतिक्रमण करते हैं या अनागत-भविष्यवर्ती जिसमें गति की जायेगी उस क्षेत्र का अतिक्रमण करते हैं ? [उ. ] गौतम ! वे अतीत क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करते, वे वर्तमान क्षेत्र का अतिक्रमण करते हैं। वे अनागत क्षेत्र का भी अतिक्रमण नहीं करते। [प्र. ] भगवन् ! क्या वे गम्यमान क्षेत्र का स्पर्श करते हुए अतिक्रमण करते हैं या अस्पर्शपूर्वक स्पर्श नहीं करते हुए अतिक्रमण करते हैं ? [उ. ] उक्त सम्पूर्ण प्रसंग चौथे उपांग प्रज्ञापनासूत्र के २८३ आहारपद से स्पृष्टसूत्र, अवगाढ़सूत्र, अनन्तरसूत्र, अणु-बादरसूत्र, ऊर्ध्व-अधःप्रभृतिसूत्र, आदि-मध्यावसानसूत्र, विषयसूत्र, आनुपूर्वीसूत्र, षड्दिशसूत्र आदि के रूप में विस्तार से जानना चाहिए। इस प्रकार दोनों सूर्य छहों दिशाओं में उद्योत करते हैं, तपते हैं, प्रभासित होते हैं-प्रकाश करते हैं। 170. (Q.) Reverend Sir ! In Jambu island does the sun overflow its area covered in the past, the area covered by its heat and light at present or the area which it shall cover in future. (Ans. ] Gautam ! It does not overflow the area covered in the past, area lighted at present and the area that it shall cover in future. Q.] Reverend Sir ! Does the sun moves in that region of movement, touching that region or without touching it? [Ans. ] The entire description in detail may be understood as mentioned in 28th chapter of Prajnapana Sutra, the fourth Upaang, namely Sutra relating to Ahaar-touched by it and the like. Thus both | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (494) Jambudveep Prajnapti Sutra 内牙牙牙牙牙牙步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步$%%%%%的 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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