Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 617
________________ फफफफफफफफफफफफफफफफफफ फफफफफफफफ फ्र [प्र.१६] जया भन्ते ! पोट्ठवई पुण्णिमा भवइ तया णं फग्गुणी अमावासा भवइ, जया णं फग्गुणी पुण्णिमा भवइ तया णं पोट्ठवई अमावासा भवइ ? [उ. ] हंता गोयमा ! तं चेवे, एवं एतेणं अभिलावेणं इमाओ पुण्णिमाओ अमावासाओ णेअव्वाओअस्सिणी पुण्णिमा चेत्ती अमावास, कत्तिगी पुण्णिमा वइसाही अमावासा, मग्गसिरी पुण्णिमा जेट्ठामूली अमावासा, पोसी पुण्णिमा आसाढी अमावासा । १९४. [ प्र. ] भगवन् ! कुल, उपकुल तथा कुलोपकुल कितने बतलाये हैं ? [.] गौतम ! कुल बारह, उपकुल बारह तथा कुलोपकुल चार बतलाये हैं। (क) बारह कुल, जैसे- (१) धनिष्ठा कुल, (२) उत्तरभाद्रपदा कुल, (३) अश्विनी कुल, (४) कृत्तिका कुल, (५) मृगशिर कुल, (६) पुण्य कुल, (७) मघा कुल, (८) उत्तरफाल्गुनी कुल, (९) चित्रा कुल, (१०) विशाखा कुल, (११) मूल कुल, तथा (१२) उत्तराषाढा कुल । जिन नक्षत्रों द्वारा महीनों की परिसमाप्ति होती है, वे माससदृश नाम वाले नक्षत्र कुल कहे जाते हैं। 5 जो कुलों के अधस्तन होते हैं, कुलों के समीप होते हैं, वे उपकुल कहे जाते हैं। वे भी मास-समापक होते 5 हैं। जो कुलों तथा उपकुलों के अधस्तर होते हैं, वे कुलोपकुल कहे जाते हैं। (ख) बारह उपकुल, जैसे- (१) श्रवण उपकुल, (२) पूर्वभाद्रपदा उपकुल, (३) रेवती उपकुल, 5 (४) भरणी उपकुल, (५) रोहिणी उपकुल, (६) पुनर्वसु उपकुल, (७) अश्लेषा उपकुल, 卐 (८) पूर्वफाल्गुनी उपकुल, (९) हस्त उपकुल, (१०) स्वाति उपकुल, (११) ज्येष्ठा उपकुल, तथा फ (१२) पूर्वाषाढा उपकुल । (ग) चार कुलोपकुल, जैसे- (9) अभिजित् कुलोपकुल, (२) शतभिषक् कुलोपकुल, (३) आर्द्रा कुलोपकुल, तथा (४) अनुराधा कुलोपकुल । [प्र. १ ] भगवन् ! पूर्णिमाएँ तथा अमावस्याएँ कितनी बतलाई हैं ? [ उ. ] गौतम ! बारह पूर्णिमाएँ तथा बारह अमावस्याएँ बतलाई हैं, जैसे- (१) श्राविष्ठी - श्रावणी, (२) प्रौष्ठपदी - भाद्रपदी, (३) आश्वयुजी - आसोजी, (४) कार्तिकी, (५) मार्गशीर्षी, (६) पौषी, फ (७) माघी, (८) फाल्गुनी, (९) चैत्री, (१०) वैशाखी, (११) ज्येष्ठामूली, तथा (१२) आषाढी । [प्र. २. ] भगवन् ! श्रावणी पूर्णमासी के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है ? [उ.] गौतम ! श्रावणी पूर्णमासी के साथ अभिजित्, श्रवण तथा धनिष्ठा - इन तीन नक्षत्रों का योग होता है। [प्र. ३ ] भगवन् ! भाद्रपदी पूर्णिमा के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है ? [.] गौतम ! भाद्रपदी पूर्णिमा के साथ शतभिषक् पूर्वभाद्रपदा तथा उत्तरभाद्रपदा - इन तीन नक्षत्रों का योग होता है । [प्र. ४ ] भगवन् ! आश्विन पूर्णिमा के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है ? सप्तम वक्षस्कार फफफफफफफफ (551) Jain Education International Seventh Chapter ***************தவி***************தமி558 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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