Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 642
________________ 05555555555555955555555555555550 |चित्र परिचय १७ ] मेरू पर्वत की प्रदक्षिणा करता ज्योतिष मण्डल जम्बूद्वीप के मध्य केन्द्र में स्थित एक लाख योजन ऊँचा मेरु पर्वत है। इस पर्वत की तलहटी ऊ (समभूतला) से ७९० योजन ऊपर जाने पर ज्योतिष मण्डल प्रारम्भ होकर ९०० योजन पर समाप्त होता है। ऊ + अर्थात् ११० योजन ऊँचाई तक ज्योतिष देव विमान, मेरु पर्वत की प्रदक्षिणा करते रहते हैं। सर्वप्रथम ७९० योजन पर तारामण्डल हैं। तारामण्डल से १० योजन ऊपर सूर्य मण्डल है। सूर्य मण्डल 5 से ८० योजन ऊपर चन्द्र मण्डल है। इससे ४ योजन ऊपर २८ नक्षत्र हैं। नक्षत्रों से ऊपर ग्रह मण्डल है।' शनि ग्रह सबसे ऊपर है। सूत्र १५९ के अनुसार जम्बूद्वीप में दो सूर्य, दो चन्द्र, ५६ नक्षत्र, १७६ महाग्रह तथा कोड़ाकोड़ तारे हैं। ये ज्योतिष्क देव मेरु पर्वत से ११२१ योजन की दूरी पर गति करते हैं। सोमनस वन से ३६ हजार योजन की ऊँचाई पर मेरु के शिखर पर पंडक वन नामक एक अति रमणीय वन है। इस चूलिका के मध्य भाग में तीर्थंकरों के जन्माभिषेक के चार अभिषेक शिलाएँ हैं। पूर्व-पश्चिम की अभिषेक शिला पर दो-दो सिंहासन हैं, उत्तर-दक्षिण में एक-एक सिंहासन है। पूर्व-पश्चिम की है म शिलाओं पर पूर्व विदेह-पश्चिम विदेह में उत्पन्न तीर्थंकरों का जन्माभिषेक होता है। दक्षिण दिशा की पांडु कंबल शिला पर भरत क्षेत्र में जन्मे तथा उत्तर दिशा की रक्त कंबल शिला पर ऐरवत क्षेत्र में जन्मे तीर्थंकरों का जन्माभिषेक ६४ इन्द्र व अगणित देवी देवता करते हैं। -वक्षस्कार ७,सूत्र १९८ STELLAR BODIES ORBITING AROUND MERU MOUNTAIN At the center of Jambudveep there is one hundred thousand Yojans high Meru mountain. Beginning at an altitude of 790 Yojans and ending at that of 900 Yojans is the area of the orbit of stellar bodies. In other words the celestial vehicles of stellar gods move in orbits 45 around Meru mountain with in a vertical sector of 110 Yojans. First of all is the groups of stars at the altitude of 790 Yojans. Ten Yojans above this is 45 the solar orbit and 80 Yojans above this is the lunar orbit. Four Yojans above this is the orbit of 28 constellations, Above the constellations are the orbits of planets, that of Saturn being the highest. According to Sutra 159 there are two suns, two moons, 56 constellations, 176 great planets and millions and millions of stars. These stellar gods move around at a distance of 1121 Yojans from Meru mountain. At a height of 36 thousand Yojans from Somanas forest on a peak on Meru mountain is 4 a beautiful garden called Pandak Van. At the center of this peak there are four rocks for 45 45 post-birth anointing of Tirthankars. On the eastern and western rocks there are two thrones 4 451 each and on the northern and southern rocks there is one throne each. Tirthankars born in East-Videh and West-Videh are anointed on the east-west thrones. Tirthankars born in ॥ Bharat area are anointed on the southern rock called Pandu Kambal Shila. Tirthankars 4 born in Airavat area are anointed on the northern rock called Rakt Kambal Shila. This birth anointing is performed by 64 kings of gods (Indra) and numerous gods and goddesses. - Vakshaskar-7, Sutra-198 05555555555555555555555555555555 卐 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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