Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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5555555555555555555555555555550 ॐ (22) Svati, (23) Vishakha, (24) Anuradha, (25) Jyeshtha, (26) Mool, (27) First (Poorva) Ashadha, and (28) Uttar (Second) Ashadha.
It is also interpreted in another manner. The great planet Saturn covers the entire constellations rounds in a period of thirty years. This
period is called Saturn year. ॐ मास, पक्ष आदि MONTH, PAKSH ETC.
१८५. [प्र. १ ] एगमेगस्स णं भन्ते संवच्छरस्स कइ मासा पण्णत्ता ?
[उ. ] गोयमा ! दुवालस मासा पण्णत्ता। तेसिं णं दुविहा णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा-लोइआ लोउत्तरिआ या तत्थ लोइआ णामा इमे, तं जहा-सावणे, भद्दवए जाव आसाढे। लोउत्तरिआ णामा इमे, तं जहा
अभिणंदिए पइडे अ, विजए पीइवद्धणे। सेअंसे य सिवे चेव, सिसिरे असहेमवं॥१॥ णवमे वसंतमासे, दससे कुसुमसंभवे।
एक्कारसे निदाहे अ, वणविरोहे अ बारसमे॥२॥ [प्र. २ ] एगमेगस्स णं भन्ते ! मासस्स कति पक्खा पण्णत्ता ? [उ. ] गोयमा ! दो पक्खा पण्णत्ता, तं जहा-बहुलपक्खे अ सुक्कपक्खे । [प्र. ३ ] एगमेगस्स णं भन्ते ! पक्खस्स कइ दिवसा पण्णता ?
[उ.] गोयमा ! पण्णरस दिवसा पण्णत्ता, तं जहा-पडिवादिवसे वितिआदिवसे जाव पण्णरसीदिवसे।
[प्र. ४ ] एतेसि णं भन्ते ! पण्णरसण्हं दिवसाणं कइ णामधेज्जा पण्णता ? [उ. ] गोयमा ! पण्णरस णामधेज्जा पण्णत्ता, तं जहा
पुवंगे सिद्धमणोरमे अ तत्तो मणोरहे चेव। जसभहे अ जसधरे छट्टे सबकामसमिद्धे अ॥१॥ इंदमुद्धाभिसित्ते अ सोमणस-धणंजए अ बोद्धव्ये। अत्थसिद्धे अभिजाए अच्चसणे सयंजए चेव॥२॥
अग्गिवेसे उवसमे दिवसाणं होंति णामधेज्जा। [प्र. ५] एतेसिं णं भंते ! पण्णरसण्हं दिवसाणं कति तिही पण्णत्ता ? [उ. ] गोयमा ! पण्णरस तिही पण्णत्ता, तं जहा
फ़फ़559555555555555555555555555555
जय
555555
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
(524)
Jambudveep Prajnapti Sutra
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