Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 605
________________ 5 5 卐 190. [Q.] Reverend Sir ! Who are the gods of the twenty constellations namely Abhijit and others? फ़ ( 12 ) Som, (13) Rudra, (14) Aditi, (15) Brihaspati, ( 16 ) Sarpa, ( 17 ) Pitri. 5 (18) Bhag, ( 19 ) Aryama, (20) Savita, ( 21 ) Tvashtha, (22) Vayu, 卐 (23) Indragni, ( 24 ) Mitra, (25) Indra, ( 26 ) Nairrit, ( 27 ) Aap, and (28) Vishvedev. [Ans.] Gautam ! The god of Abhijit constellation is Brahma Vishnu is 卐 the gods of Shravan constellation. Vasu is the god of Dhanishtha 卐 constellation. The twenty eight gods of twenty eight constellations in their order are – ( 1 ) Bhahma, (2) Vishnu, (3) Vasu, (4) Varun (5) Aja, 5 (6) Abhivriddhi, (7) Poosha, (8) Ashv, (9) Yam, (10) Agni, (11) Prajapati, This order is upto the last constellation namely Uttarashadha. In the फ्र end when the question arises as to who is the god of Uttarashadha. Then the reply to this question O Gautam ! Is that its gods is Vishvedeva. 卐 नक्षत्र-तारे CONSTELLATION STARS १९१.[प्र. ] एतेसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं अभिईणक्खत्ते कतितारे पण्णत्ते ? [ उ. ] गोयमा ! तितारे पण्णत्ते । एवं णेअव्वा जस्स जइआओ ताराओ, इमं च तं तारग्गंतिगतिगपंचगसयदुग- दुगबत्तीसगतिगं तह तिगं च । छप्पंचगतिगएक्कगपंचगतिग-छक्कगं चेव ॥१ ॥ सत्तगदुगदुग-पंचग-एक्केक्कग - पंच- चउतिगं चेव । एक्कारसग - चउक्कं चउक्कगं चैव तारग्गं ॥२॥ फ्र १९१ . [ प्र. ] भगवन् ! इन अट्ठाईस नक्षत्रों में अभिजित् नक्षत्र के कितने तारे हैं ? (१) अभिजित् नक्षत्र के तीन तारे, (२) श्रवण नक्षत्र के तीन, (३) धनिष्ठा नक्षत्र के पाँच, (४) 5 शतभिषक् नक्षत्र के सौ, (५) पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र के दो, (६) उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र के दो, (७) रेवती 5 नक्षत्र के बत्तीस, (८) अश्विनी नक्षत्र तीन, (९) भरणी नक्षत्र के तीन, (१०) कृत्तिका नक्षत्र के सप्तम वक्षस्कार [ उ. ] गौतम ! अभिजित् नक्षत्र के तीन तारे हैं। जिन नक्षत्रों के जितने जितने तारे हैं, वे 5 प्रथम से अन्तिम तक इस प्रकार हैं फफफफफफफफफफ (539) Jain Education International 卐 छ:, (११) रोहिणी नक्षत्र के पाँच, (१२) मृगशिर नक्षत्र के तीन, (१३) आर्द्रा नक्षत्र का एक, (१४) पुनर्वसु नक्षत्र के पाँच, (१५) पुष्य नक्षत्र के तीन, (१६) अश्लेषा नक्षत्र के छः, (१७) मघा फ्र नक्षत्र के सात, (१८) पूर्वफाल्गुनी नक्षत्र के दो, (१९) उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र के दो, (२०) हस्त 5 नक्षत्र के पाँच, (२१) चित्रा नक्षत्र का एक, (२२) स्वाति नक्षत्र का एक, (२३) विशाखा नक्षत्र के 卐 卐 卐 卐 For Private & Personal Use Only மிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிமிததமிமிமி5E Seventh Chapter 卐 www.jainelibrary.org

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