Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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गाथार्थ-अभिजित् नक्षत्र का चन्द्रमा के साथ एक अहोरात्र में-३० मुहूर्त में उनके १७ भाग परिमित योग रहता है। इससे अभिजित् चन्द्रयोग काल x =३७ =९६७ मुहूर्त फलित होता है। ज शतभिषक्, भरणी, आर्द्रा, अश्लेषा, स्वाति एवं ज्येष्ठा-इन छह नक्षत्रों का चन्द्रमा के साथ १५
मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है। __ तीनों उत्तरा-उत्तरफाल्गुनी, उत्तराषाढा तथा उत्तरभाद्रपदा, पुनर्वसु, रोहिणी तथा विशाखा-इन
छह नक्षत्रों का चन्द्रमा के साथ ४५ मुहूर्त योग रहता है। ___बाकी पन्द्रह नक्षत्रों का चन्द्रमा के साथ ३० मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है। यह नक्षत्र-चन्द्र-योगके क्रम है।
[प्र.] भगवन् ! इन अट्ठाईस नक्षत्रों में अभिजित् नक्षत्र सूर्य के साथ कितने अहोरात्र पर्यन्त योगयुक्त रहता है ?
[उ.] गौतम ! अभिजित् नक्षत्र सूर्य के साथ ४ अहोरात्र एवं ६ मुहूर्त पर्यन्त योगयुक्त रहता है। इन निम्नांकित गाथाओं द्वारा नक्षत्र-सर्य योग ज्ञातव्य है।
गाथार्थ-अभिजित् नक्षत्र का सूर्य के साथ ४ अहोरात्र तथा ६ मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है।
शतभिषक्, भरणी, आर्द्रा, अश्लेषा, स्वाति तथा ज्येष्ठा-इन नक्षत्रों का सूर्य के साथ ६ अहोरात्र तथा २१ मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है। के तीनों उत्तरा-उत्तरफाल्गुनी, उत्तराषाढा तथा उत्तरभाद्रपदा, पुनर्वसु, रोहिणी एवं विशाखा-इन नक्षत्रों का सूर्य के साथ २० अहोरात्र और ३ मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है।
बाकी के पन्द्रह नक्षत्रों का सूर्य के साथ १३ अहोरात्र तथा १२ मुहूर्त पर्यन्त योग रहता है। ___193. [Q.J Reverend Sir ! For how many muhurat Abhijit constellation among 28 constellations remains connected with the moon ?
[Ans.] Gautam ! Abhijit constellation remains connected with the moon for a period is 9 Muhurat. The period of connection with moon
has been mentioned in the verses. 4i Meaning of the Verses-Abhijit constellation remains connected with
the moon far period of 21 of a ahoratri which works out to 30 muhurat x 1 = 60 = 9 muhurat.
The connection of six constellation namely Shatabhishak. Bharni, Aardra, Ashlesha, Svati and Jyeshtha with the moon is for 15 muhurats.
The connection of six constellation namely Uttarphalguni, Uttarashadha, Uttarbhadrapada Punarvasu, Rohini and Vishakha with the moon is for a period of 45 muhurats.
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| सप्तम वक्षस्कार
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Seventh Chapter
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