Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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ऋषभकूट पर्वत पर नामोल्लेरवन
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अवसर्पिणी काल के तीसरे आरे के अन्तिम समय में मैं भरत नाम का चक्रवर्ती हुआ हूँ। मैं समस्त भरत क्षेत्र का अधिपति प्रथम राजा हूँ। मेरा कोई शत्रु नहीं है। मैंने समस्त भारत वर्ष
को जीत लिया है।
काकिणी रत्न मंजुषा
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अपने काकिणी रत्न से ऋषभकूट पर्वत की विशाल शिला पर अभिलेख लिखने भरत चक्रवर्ती
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