Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 424
________________ ब卐555555555555555555555555555555555555555555555555 5555555555555555555555555555555555555 णवई च जोअणाई दस य एगारसभाए जोयणस्सु विक्खम्भेणं, धरणिअले दस जोअणसहस्साई विक्खम्भेणं, तयणन्तरं च णं मायाए २ परिहायमाणे परिहायमाणे उवरितले एगं जोअणसहस्सं . विक्खंभेणं। मूले इक्कत्तीसं जोअणसहस्साई णव य दसुत्तरे जोअणसए तिण्णि अ एगारसभाए जोअणस्स म परिक्खेवेणं, धरणिअले एकत्तीसं जोअणसहस्साई छच्च तेवीसे जोअणसए परिक्खेवेणं उवरितले तिण्णि जोअणसहस्साई एगं च नावढं जोअणसयं किंचिविसेसाहि परिक्खेवेणं। मूले वित्थिण्णे, मज्झे संखित्ते, म उवरिं तणुए, गोपुच्छसंठाणसंठिए, सबरयणामए, अच्छे, सण्हेत्ति। से णं एगाए पउमवरवेइआए एगेण य वणसंडेण सव्वओ समन्ता संपरिक्खित्ते वण्णओत्ति। म १३२. [प्र. १ ] जम्बूद्वीप के अन्तर्गत महाविदेह क्षेत्र में मन्दर नामक पर्वत कहाँ पर स्थित है? [उ. ] गौतम ! उत्तरकुरु के दक्षिण में, देवकुरु के उत्तर में, पूर्व विदेह के पश्चिम में और पश्चिम , 卐 विदेह के पूर्व में जम्बूद्वीप के अन्तर्गत उसके बीचोंबीच मन्दर नामक पर्वत है। वह ९९,००० योजन 5 ऊँचा है, १,००० योजन जमीन में गहरा (सर्व एक लाख योजन का) है। वह मूल में १०,०९०१० - * योजन तथा भूमितल पर १०,००० योजन चौड़ा है। उसके बाद वह चौड़ाई की मात्रा में क्रमशः ॐ ॐ घटता-घटता ऊपर के तल पर १,००० योजन चौड़ा रह जाता है। उसकी परिधि मूल में ३१,९१०३ योजन, भूमितल पर ३१,६२३ योजन तथा ऊपरी तल पर कुछ अधिक ३,१६२ योजन है। वह मूल में ॐ चौड़ा, मध्य में सँकड़ा तथा ऊपर पतला है। उसका आकार गाय की पूँछ के आकार जैसा है। वह म सर्वरत्नमय है, स्वच्छ है, सुकोमल है। वह एक पद्मवरवेदिका द्वारा तथा एक बनखण्ड द्वारा चारों ओर से घिरा हुआ है। उसका विस्तृत वर्णन पूर्वानुरूप है। 4i 132. (Q. 1] Reverend Sir ! In Mahavideh region of Jambu continent 5 where is Mandar mountain ? (Ans.) In the south of Devkuru, in the north of Uttarkuru, in the west 4 of eastern Videh and in the east of western Videh at the very middle there is Mandar mountain in Jambu continent. It is 99,000 yojan high, 卐 1,000 yojan deep in the earth (In all it in 1,00,000 yojan). At they foundation, it is 1,00,090 yojan wide, at the surface of the earth it is 10,000 yojan wide and at the top it is only 1,000 yojan wide as its width gradually decreases from bottom to the top. Its circumference is $ 31,910, yojan at the foundation, 31,623 yojan at the surface of the earth 45 and a little more than 3,162 yojan at the top. It is wide at the 4 foundation, a little narrow in the middle and very narrow at the top. Its shape is like the tail of a cow. It is all jewelled, clean and smooth. It is surrounded by a lotus vedika and a forest from all sides. The detailed description is as mentioned earlier. B5555555555555555555555555555555555555555555555555 भद्रसाल आदि वन BHADRASAL FOREST AND OTHERS १३२. [प्र. २ ] मन्दरे णं भंते ! पव्वए कइ वणा पण्णत्ता ? | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (362) Jambudveep Prajnapti Sutra ज म ))) ))))))))) ) )))5558 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684