Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 322
________________ 895 ))))))))))))) ))))) ))))))ी ))) )) )) ))) ))) 卐 ९०. [३] उस मूल पद्म के उत्तर-पश्चिम में (वायव्यकोण में) उत्तर में तथा उत्तर-पूर्व में ! (ईशानकोण में) श्रीदेवी के सामानिक देवों के चार हजार पद्म हैं। उस (मूल पद्म) के पूर्व में श्रीदेवी की ! ॐ चार महत्तरिकाओं (प्रमुख देवियों) के चार पद्म हैं। उसके दक्षिण-पूर्व आग्नेयकोण में श्रीदेवी की + आभ्यन्तर परिषद् के आठ हजार देवों के आठ हजार पद्म हैं। दक्षिण में श्रीदेवी की मध्यम परिषद् के दस हजार देवों के दस हजार पद्म हैं। दक्षिण-पश्चिम नैऋत्यकोण में श्रीदेवी की बाह्य परिषद् के बारह हजार देवों के बारह हजार पद्म हैं। पश्चिम में सात अनीकाधिपति-सेनापति देवों के सात पद्म हैं। उस पद्म की चारों दिशाओं में सब ओर श्रीदेवी के सोलह हजार आत्मरक्षक देवों के सोलह हजार पद्म हैं। वह मूल पद्म आभ्यन्तर, मध्यम तथा बाह्य तीन पद्म परिक्षेपों-कमल रूप परिवेष्टनों द्वाराम प्राचीरों द्वारा सब ओर से घिरा हुआ है। आभ्यन्तर पद्म परिक्षेप में बत्तीस लाख पद्म हैं, मध्यम पद्म परिक्षेप में चालीस लाख पद्म हैं तथा बाह्य पद्म परिक्षेप में अड़तालीस लाख पद्म हैं। इस प्रकार तीनों : ॐ पद्म परिक्षेपों में एक करोड़ बीस लाख पद्म हैं। [प्र. ] भगवन् ! यह द्रह पद्मद्रह किस कारण कहलाता है ? [ [उ.] गौतम ! पद्मद्रह में स्थान-स्थान पर बहुत से उत्पल, यावत् सहस्रपत्र, शतसहस्रपत्र प्रभृति अनेकविध पद्म हैं। वे पद्म (कमल) पद्मद्रह के सदृश आकारयुक्त, वर्णयुक्त एवं आभायुक्त हैं। इस के कारण वह पद्मद्रह कहा जाता है। वहाँ परम ऋद्धिशालिनी पल्योपम-स्थिति वाली श्री (लक्ष्मी) नामक देवी निवास करती है। अथवा गौतम ! पद्मद्रह नाम शाश्वत कहा गया है। वह कभी नष्ट नहीं होता। 90. [3] There are 4,000 padmas of Samanik celestial being of Shri Devi in the north-west and in north-east direction from that basic padma. There are four padmas of four head goddesses of Shri Devi. In y Hi the south-east direction there are 8,000 padmas of 8,000 celestial beings y belonging to the inner council. In the south there are 10,000 padmas of 10,000 celestial beings belonging to the central cabinet of Shri Devi. In H the south-west direction there are 12.000 padmas of 12.000 celestiali beings of Shri Devi. In the west there are seven padmas of seven commanders of seven army regions. In all the four directions of that y padma there are 16,000 padmas of 16,000 celestial beings serving as secuirty guards to Shri Devi (the godess Lakshmi). Boundary walls are surrounding the fundamental padma in three rounds inner, central and outer round which are lotus like in shape. There are 32,00,000 padmas in the inner circle, 40 lakhs in the middle circle and 48 lakhs in the outer lotus like wall. Thus the three walls contain 12 million padmas. म [Q.] Reverend Sir ! Why is this padma lake (drah) so called ? | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (262) Jambudveep Prajnapti Sutra 卐)11155555555555555555555555))) .-.-गानागगगनानानानानामा गगनगागागागागागागागागा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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