Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 417
________________ 卐55 ))))))))))))))))))) The description of Nishadh, Devkuru, Soor, Sulas and Vidyutprabh lakes may be understood as similar to that of Neelavan, Uttarkuru, Chandra, Airavat and Malyavan lakes. The capital cities of the ruling gods of these lakes are in the south of Meru. कूटशाल्मलीपीठ KOOT SHALMALI PEETH १२९. [प्र.] कहि णं भन्ते ! देवकुराए देवकुरोए कूडसामलिपेढे णामं पेढे पण्णत्ते ? [उ. ] गोयमा ! मन्दरस्स पव्वयस्स दाहिणपच्चत्थिमेणं, णिसहस्स वासहरपव्वयस्स उत्तरेणं, विज्जुप्पभस्स वक्खारपब्वयस्स पुरथिमेणं, सीओआए महाणईए पच्चत्थिमेणं देवकुरुपच्चत्थिमद्धस्स बहुमज्झदेसभाए एत्थ णं देवकुराए कुराए कूडसामलीपेढे णामं पेढे पण्णत्ते। एवं जच्चेव जम्बूए सुदंसणाए वत्तव्बया सच्चेव सामलीए वि भाणिअव्वा णामविहूणा, गरुलदेवे, रायहाणी दक्खिणेणं, अवसिटं तं चेव जाव देवकुरु । इत्थ देवे पलिओवमट्टिइए परिवसइ, से तेणठेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ देवकुरा २, अदुत्तरं च णं देवकुराए.। १२९. [प्र. ] भगवन् ! देवकुरु में कूटशाल्मलीपीठ-शाल्मली या सेमल वृक्ष के आकार में शिखर रूप पीठ कहाँ पर है ? [उ. ] गौतम ! मन्दर पर्वत के दक्षिण-पश्चिम में-नैऋत्य कोण में, निषध वर्षधर पर्वत के उत्तर में, विद्युत्प्रभ वक्षस्कार पर्वत के पूर्व में, सीतोदा महानदी के पश्चिम में देवकुरु के पश्चिमार्ध के ठीक बीच में कूटशाल्मलीपीठ नामक पीठ है। ___ जम्बू सुदर्शना की जैसी वक्तव्यता है, वैसी ही कूटशाल्मलीपीठ की समझनी चाहिए। जम्बू सुदर्शना के नाम यहाँ नहीं लेने होंगे। गरुड़ इसका अधिष्ठायक देव है। राजधानी मेरु के दक्षिण में है। बाकी का वर्णन जम्बू सुदर्शना जैसा है। यहाँ एक पल्योपम स्थिति वाला देव निवास करता है। अतः गौतम ! यह देवकुरु कहा जाता है। अथवा देवकुरु नाम शाश्वत है। ___129. [Q.] Reverend Sir ! In Devkuru where is the platform (peeth) named Koot Shalmali or the peak which is of the shape of Shalmali or Semal tree ? (Ans.] Gautam ! Koot Shalmali Peeth is exactly in the middle of the western half of Devkuru. It is in the east of Vidyutaprabh Vakshaskar mountain and in the west of Sitoda river. Further it is in the south-west of Mandar mountain and in the north of Nishadh Varshadhar mountain. The description of Koot Shalmali Peeth may be understood similar to that Jambu Sudarshna. Its master god is Garud. Its capital is in the south of Meru. The remaining description is the same as that of Jambu Sudarshana. Here a god whose life-span is one palyopam resides. That is why, Gautam ! It is called Devkuru. This name Devkuru is permanent. चतुर्थ वक्षस्कार (356) Fourth Chapter Jain Education International For Private & Personal Use Only - www.jainelibrary.org

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