Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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पण्णवणासुत्ते तइए बहुवत्तव्वयपए [सु. २४६अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बादरनिगोदा पजतगा, बादरनिगोदा अपजत्तगा असंखेजगुणा।।
[९] एएसि णं भंते ! बादरतसकाइयाणं पजत्ताऽपजत्ताणं कतरे कतरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा ५ बादरतसकाइया पज्जत्तगा, बादरतसकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा।।
२४६. एएसि णं भंते ! बादराणं बादरपुढविकाइयाणं बादरआउकाइयाणं बादरतेउकाइयाणं बादरवाउकाइयाणं बादरवणस्सइकाइयाणं पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइयाणं बादरनिगोदाणं बादरतसकाइयाण य पज्जत्ताऽपज्जत्ताणं कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा! सव्वत्थोवा बादरतेउकाइया पजत्तया १, बादरतसकाइया पज्जत्तया असंखेज्जगुणा २, बादरतसकाइया अपज्जत्तगा असंखेजगुणा ३, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया पज्जत्तगा असंखेजगुणा ४, बादरनिगोदा पज्जत्तगा असंखेजगुणा ५, बादरपुढविकाइया पज्जत्तगा असंखेजगुणा ६, बादरआउकाइया पजत्तगा असंखेजगुणा ७,
बादरवाउकाइया पज्जत्तगा असंखेजगुणा ८, बादरतेउकाइया अपज्जत्तगा १५ असंखेजगुणा ९, पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइया अपजत्तया असंखेनगुणा १०,
बादरनिगोदा अपज्जत्तया असंखेजगुणा ११, बादरपुढविकाइया अपजत्तया असंखेन्जगुणा १२, बादरआउकाइया अपज्जत्तया असंखेजगुणा १३, बादरवाउकाइया अपजत्तगा असंखेजगुणा १४, · बादरवणस्सइकाइया पजत्तगा अणंतगुणा
१५, बादरपजत्तगा विसेसाहिया १६, बादरवणस्सइकाइया अपज्जत्तगा असंखे२० जगुणा १७, बादरअपज्जत्तगा विसेसाहिया १८, बादरा विसेसाहिया १९ ।
__२४७. एतेसि णं भंते ! सुहुमाणं सुहुमपुढविकाइयाणं सुहुमआउकाइयाणं सुहुमतेउकाइयाणं सुहुमवाउकाइयाणं सुहुमवणप्फइकाइयाणं सुहुमनिगोदाणं बादराणं बादरपुढविकाइयाणं बादरआउकाइयाणं बादरतेउकाइयाणं बादरवाउका
इयाणं बादरवणप्फइकाइयाणं पत्तेयसरीरबायरवणप्फइकाइयाणं बादरणिगोदाणं २५ बादरतसकाइयाण य कतरे कतरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया
वा ? गोयमा ! सव्वत्थोवा बादरतसकाइया १, बादरतेउकाइया असंखेज्जगुणा २, पत्तेयसरीरबादरवणप्फइकाइया असंखेजगुणा ३, बादरनिगोदा असंखेजगुणा ४, बादरपुढविकाइया असंखेजगुणा ५, बादरआउकाइया असंखेजगुणा ६, १. बादरपत्तेयवणस्सइ जे० ध० पु१ पु२ पु३ ॥
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