Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 429
________________ ३७६ पण्णवणासुत्ते तेवीसइमे कम्मपगडिपए बीउद्देसे [सु. १७०२ - [३०] तिरियाणुपुव्वीए पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं सागरोवमस्स दो सत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगा, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ; वीस य वाससताई अबाहा। [३८] मणुयाणुपुविणामाए णं पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं सागरोवमस्स ५ दिवढें सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणगं, उक्कोसेणं पण्णरस सागरोवमकोडाकोडीओ; पण्णरस य वाससयाइं अबाहा० । [३९] देवाणुपुब्बिणामाए पुच्छा। गोयमा! जहण्णेणं सागरोवमसहस्सस्स एगं सत्तभागं पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणगं, उक्कोसेणं दस सागरो वमकोडाकोडीओ; दस य वाससताइं अबाहा०। १० [४०] उस्सासणामाए पुच्छा । गोयमा ! जहा तिरियाणुपुवीए । [४१] आयवणामाए वि एवं चेव, उज्जोवणामाए वि। [४२] पसत्थविहायगतिणामाए पुच्छा। गोयमा ! जहण्णेणं एगं सागरोवमस्स सत्तभागं, उक्कोसेणं दस सागरोवमकोडाकोडीओ; दस य वाससताई अबाहा। १५ [४३] अपसत्थविहायगतिणामस्स पुच्छा । गोयमा ! जहण्णणं साग रोवमस्स दोण्णि संत्तभागा पलिओवमस्स असंखेजइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं वीसं सागरोवमकोडाकोडीओ; वीस य वाससयाई अबाहा० । [४४] तसणामाए थावरणामाए य एवं चेव । [४५] सुहुमणामाए पुच्छा । गोयमा ! जहण्णेणं सागरोवमस्स णव २० पणतीसतिभागा पलिओवमस्स असंखेज्जइभागेणं ऊणया, उक्कोसेणं अट्ठारस सागरोवमकोडाकोडीओ; अट्ठारस य वाससयाई अबाहा० । [४६] बादरणामाए जहा अपसत्थविहायगतिणामस्स (सु. १७०२ [४३])। [४७] एवं पजत्तगणामाए वि । अपज्जत्तगणामाए जहा सुहुमणामस्स २५ (सु. १७०२ [४५]) [४८] पत्तेयसरीरणामाए वि दो सत्तभागा । साहारणसरीरणामाए जहा सुहुमस्स। [४९] थिरणामाए एगं सत्तभागं । अथिरणामाए दो । [५०] सुभणामाए एगो । असुभणामाए दो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506