Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 01
Author(s): Shyamacharya, Punyavijay, Dalsukh Malvania, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२९२
पण्णवणान्ते सत्तरसमे लेस्साए चउत्थु से
[सुत्तं १२१९. लेस्साभेयपरूवणं ]
१२१९. कति णं भंते! लेस्साओ पण्णत्ताओ ? गोयमा ! छल्लेसाओ पण्णत्ताओ । तं जहा - कण्हलेस्सा जाव सुक्कलेस्सा ।
[ सुताई १२२० - २५. १ परिणामाहिगारो ]
१२२०. से णूणं भंते! कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमति ? हंता गोयमा ! कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमति । से केणद्वेणं भंते ! एवं वुच्चति कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति ? गोयमा ! से जहाणामए १० खीरे दूसिं पप्प सुद्धे वा वत्थे रागं पप्प तारूवत्ताए तावण्णत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमति, सेएणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति ।
१२२१. एवं एतेणं अभिलावेणं णीललेस्सा काउलेस्सं पप्प, काउलेस्सा तेउलेस्सं पप्प, तेउलेस्सा पम्हलेस्सं पप्प, पम्हलेस्सा सुक्कलेस्सं पप्प जाव भुज्जो १५ २ परिणमति ।
२५
[सु. १२१९
१२२२. से णूणं भंते ! कण्हलेस्सा णीललेस्सं काउलेस्सं तेउलेस्सं पम्हलेस्सं सुक्कलेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावन्नत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफा सत्ताए भुज्जो २ परिणमति ? हंता गोयमा ! कण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प जाव सुक्कलेस्सं पप्प तारूवत्ताए तावन्नत्ताए तागंधत्ताए तारसत्ताए ताफासत्ताए भुज्जो २ परिणमति । २० सेकेणणं भंते! एवं वुञ्चति किण्हलेस्सा णीललेस्सं जाव सुक्कलेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति ? गोयमा ! से जहाणामए वेरुलियमणी सिया किण्हसुत्तए वाणीलसुत्तए वा लोहियसुत्तए वा हालिदसुत्तए वा सुक्किलसुत्तए वा आइए समाणे तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति, सेएणट्टेणं गोयमा ! एवं वुञ्चइ किण्हलेस्सा णीललेस्सं पप्प जाव सुक्कलेस्सं पप्प तारूवत्ताए जाव भुज्जो २ परिणमति ।
१२२३. से णूणं भंते ! णीललेस्सा किण्हलेस्सं जाव सुक्कलेस्सं पप्प तावत्ता जाव भुज्जो २ परिणमति ? हंता गोयमा ! एवं चेव ।
१-२. कण्ह° पु२॥
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