Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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46- पंचमांग विवाह पण्णत्ती (भगवती सूत्र
. चांदी परवाल वगैरह के भूषणों सहित भूषित होता है वैसे ही यह सूत्र भी उद्देशे, हेतु, कारन रूप भूषणों सेभूषित है. ६ जिस प्रकार हाथी सब में बडा जानवर है वैसे ही यह सूत्र भी ३६००० प्रश्नोत्तर से बहुत बडा है, ७ जैसे हाथी के चार पांव होते हैं वैसे ही इस सूत्र रूप हाथी के १ चरण करणानुयोग, २द्रनुयोग, ३ धर्मकथानुयोग और ४ गणितानुयोग यों चार अनुयोग रूप चार पांव है, ८ जैसे हाथी के दो आंखों होती है, वैसे ही इस सूत्र रूप हाथी के ज्ञान व चारित्र रूप दो आंखे हैं. ९ जैस हाथी के दो दंताशूल होते हैं, वैसे ही इस सूत्र रूप हांथी के द्रव्यास्तिक व पर्यायास्ति नय रूप दो दंताशूल हैं. १० जैसे हाथी के दो कुंभस्थल होते हैं वैसे ही इस सूत्र रूप हाथी के निश्चय व ( व्यवहार नय रूप दो कुंभस्थल हैं. ११ जैसे हाथी के सूंड होती है वैसे ही इस सूत्र रूप हाथी के प्रशस्त वचन की रचना रूप सूंडादंड है, १३ निगम वचन रूप छोटी, पुंछ है, १४ काल आदि पांच समवाय और आठ प्रवचन माता के रूप आवरणादि उपकरण है १५ उत्सर्ग व अपवाद मार्ग रूप दो घंटा है, १६ यशः रूप पडह का अवाज चारों दिशा में विस्तृत है, १७ सूत्र रूप हाथी के महावीर स्वामीजी रूप राजा हैं, १८ इस सूत्र रूप गज पर आरूढ होने वाला ३६३ पाखंडियों का पराभव करता है, १९ यह सूत्र रूप हाथी अनेक प्रश्नों के उच्चर रूप तथा पांच ज्ञान रूप शस्त्र सहित सज्ज है, १२० यह सूत्र रूप हाथी उपांग रूप चतुरंगिनी सेना सहित चतुर्गति का निकंदन करता है २१ चक्रवती के हाथी के चारों और १४ रत्न होते हैं वैसे ही इस सूत्र रूप हाथी के चउदह पूर्व के अंगोपांग रूप
प्रस्तावना 49