Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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पंचमांग विवाह प्रज्ञप्ति (भगवती) सूत्र
4 तृतीय शतक का दशवा उद्देश. ५९० ।। पांचवे शतक का दुसरा उद्देशा ६२.* 89/१४९ चोसट इन्द्रों की परिषद का ...५९० - १५८ वायुकाय आश्रिय प्रश्नोत्तर ...६२११
चतुर्थ शतक के चार उद्देशे ५९३ । १५९ धान्य धातू हड्डीचर्म कोयले राख गोचर ? १५० ईशानेन्द्र के चारों लोकपाल ...५९३ . इन के शरीर का प्रश्नोत्तर ...६ १ चतुर्थ शतक के चार उद्देशे ५९६ ।
१६० लवण समुद्र का प्रमाण चागें लोकपालकी राज्यधानी के ...५९६
पंचवे शतक का तीसरा उद्देशा ६३० है चतुर्थ शतक का नववा उद्देशा ५९७
१६. एक समय में दो भव का आयुष्यवेदे ६३० १५२ नेरीयों के उत्पन्न होने का ...५९७
१६२ जीव पर भव में आयुष्य सहित
उत्पन्न होवे. | शतक का दशवा उद्देशा ५९८
पांचवा शतक का चौथा उद्देशा ६३६ ११५१ परस्पर लेश्या परिणमनेका ...५९८
| १६३ छद्मस्त सुने केवली शब्द जाने देख ६३६ पांचवा शतक का पहिला उद्देशा ६०१ १६४ छमस्त हसे केवली हसे नहीं ... १५४ जम्बुद्वीप में सूर्य क्राचारों दिशा में उदय ६०१ १६५ हंसने से कर्म बन्ध होता हैं ...
५५ दिन रात्रि का प्रमाण ....६०५ १६६ छद्मस्त निद्रा ले केवली नहीं है .. ११५६ जबूदीप के क्षत्रों में ऋतु आदि प्रमाण ६१० | १६६ निद्रालेने से कर्म बंध होता है ...६४३ १५७ लवण समुद्र, धातकी खंडद्दीप, कालोदी १६७ हरि गमेषी देव गर्भ का संहरण करे ६४४
समुद्र, पुष्करार्धद्वीप सूर्योदय का कथन६१६ । १६८ एवंतणकुमार साधु पातरी तिराई ...६४६/
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