Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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48 पंचाङ्ग विवाह गति (भगवती) सूत्र 428+
और सोलवे शतक का-आठवा उद्देशा. ६.४ पंडित बालपांडत अपंडित २२६४४०
५९. लोक की दिशा में जीच प्रदेश २२४१६०५ अन्यपति व्रति अवति भादि जीव की ५९१ परमाणु एक समयमें लोकान्तकजावे २२४५
- भिन्नता
२२६६ ५९२ वर्षाद वर्षते इस्तादि प्रसारते क्रिया २२४६ । ६०६ देवता अरूपी वैक्रेय नहीं कर सके २२६८ १५९३ नववा उद्देश-बलेन्द्र की सभा २२४८ सतरहवे शतक का-तीसरा उद्देशा. १५९४ दशवा उद्देश-अवधि ज्ञान . २२५०-६०७ सलेसी साधु हलन चलन नहीं करे २२७०
५९५ इग्यास्वा उ६श-द्वापकुमार का २२५१ ६०८ पान प्रकार का हलन चलन २२७. १५९६ बारवा उद्देश-उदधी कुमारका २२५२६०९ तीन प्रकार का चलन
२ सतरहबे शतक का प्रथमोद्देशा... | ६१० पांचास कामों का मोक्ष पूल २ ५९७ उदायन भुतानन्द हाथी का कथन २२५४ । सतरहवे शतक का चौथा उद्देशा.. १८९८ ताडवृक्षचढ फल डालने की क्रिया २२५५
६११ प्राणातिपातादि क्रिया स्पर्श कर करे२२७६ १५९९ ताड.फल पड़ने से कितनी क्रिया २२५६
६१२ दुःख वेदना आत्म कृत पर कृत १६०० वृक्ष पटकते पुरुष को उसको क्रिया २२५७
उभय कृत
.२२७८180 १६०१ शरीर इन्द्रिय जोगनिवृति की क्रिया २२६.
६१३ पांचवा उद्देश-ईशानेन्द्र की सभा २२८०१, १०२ छ भावों का संक्षिप्त कथन २२६२
६१४ छठे सातवे उद्देशे में पृथ्वी काया का२२८४/4 है सतरहवे शतक का दूसरा उद्देशा... ६१६ आठवे नववे उद्देशे में अपकाया का २२८५ ६०. धर्माधि अधर्माथि
२२६२, ६१६ दशवे ग्यारवे उद्देशे में वायु. काया का२२८७,
488 विषयाणुक्रमणिका 488887.