Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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शब्दाथा दो० दोपल्योपम की ॥२०॥ना नागकमार भं० भगवन् के० कितना काल में आ० थोडाश्वास ले पा०१
श्वास ले ऊ० ऊंचा श्वास ले नीचा श्वास ले गो० गौतम ज० जघन्य स० सात थोभ उ० उत्कृष्ट गु० मुहूर्त पृथक ॥ २१ ॥ ना० नागकुमार भं० भगवन् आ० आहारके अर्थी हं० हां आ• आहार के अर्थी णा० नागकुमार को भं० भगवन् के० कितना काल में आ० आहार की इच्छा स० उत्पन्न होवे गो गौतम
ना० नागकुमार दु० दोपकार का आहार आ. आहारे आआभोग निवर्तित अ० अनाभोग सूत्र स्स आणमंतिवा, पाणमंतिवा, ऊससंतिवा, णीससंतिवा ? गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं
थोवाणं, उक्कोसेणं मुहुत्त पुहुत्तस्स आणमंतिवा, पाणमंतिवा, ऊससंतिवा, नीससंतिवा. ॥ २१ ॥नागकुमाराणं भंते आहारट्टी ? हंता आहारट्ठी । णागकुमाराणं भंते केवइय
कालस्स आहारट्टे समुप्पज्जइ ? गोयमा ! णागकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णणे तंजहा भावार्थ नागकुमार के देवता कितने काल में श्वासोश्वास लेते हैं ? अहो गौतम ! नाग कुमार देवता जघन्य सात
स्तोक उत्कृष्ट मुहूर्त से पृथकूमें श्वासोश्वास लेते हैं ॥ २१ ॥ अहो भगवन् ! नागकुमार जाति के देवता
क्या आहार के अर्थी हैं ? हो गौतम ! नागकुमार जाति के देवता आहार के अर्थी हैं. अहो भगवन् ! के उन को कितने काल में आहार की इच्छा उत्पन्न होवे ? अहो गौतम ! आहार दो प्रकार का है.
१ दो मुहूर्तसे नव मुहूर्ततक. इसको प्रत्येक मुहूर्तभी कहते हैं.
400 अनुवाइक-बालब्रह्मचारीमुनि श्री अमोलक ऋषिजी
* प्रकाशक-रामावहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालामसादजी *