Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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पंचगंग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) मूत्र *
॥ पंचांग ।। 7 ॥ विवाह पण्णत्ति (भगवती) सूत्र ॥
86033पहिला शतक का पहिला उद्देशा48805
* प्रथम शतकम् * शब्दार्थ
. नमस्कार अ० अरहंत को ण. नमस्कार सि• सिद्धको ण• नमस्कार आ० आचार्य को ० ,
णमो अरहंताणं । णमो सिद्धाणं । णमो आयरियाणं । णमो उवज्झायाणं । णमो लोए भावार्थ श्री अरहंत को नमस्कार होवो. कर, चरण व मस्तक का सुप्रणिधान सो नमस्कार कहा जाता है."
X किस्रको नमस्कार करना ? श्री अरहंत को. अरहंत किस को कहते हैं ? देवताओं से विनिर्मित महा२७ प्रतिहार्य नामक पूजा से जो पूजित बने हुवे हैं, अथवा रहा-एकान्त देश व अन्त जिम को नहीं है,