Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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पंचमांग विवाह ज्ञप्ति ( भगवनी) सूत्र
१९४ प्रमाण व स्कन्धो की स्थिति.
२०७ देवलोक कितने कहे हैं १९५ प्रमाणु स्कंधों का अंतर काल ७.४
पांचवा शतक का दशवा उद्देशा....७४३ १९६ प्रमाणु स्कंधों की अल्पा बहत्व
२०८ चन्द्रमा देव का निवास स्थान ७४३ ११९७ चौबीस ही दंडक का आरंभ परिग्रह ७०७
६छट्रे शतक का-प्रथमोद्देशा ....७४४ १९८ पांच प्रकार के हेतुओं
२०१ महा वेदना महा निर्जरा आदि दृष्टांता७४४ है पांचवा शतक का-आठना उद्देशा ७९५
२१. करण का कथन १९९ नारदपुत्र निर्ग्रन्थ पुत्र साधु की पुद्गली २११ वेदना निर्जरा की चौभंगी चर्चा,
___ छ? शतक का दूसरा उद्देशा. ७५६ २०० जीवादि की हानी बुद्धी अवस्थितता ७२२ २०१ सोवचय सावचय के प्रश्नोत्तर ७२८
२१२ आहार आधिकार पांचवा शतकका नववा उद्देशा ....७३१
छठे शतक का-तीसरा उद्देशा. ७५७ २०२ राजगही पृथव्यादि किसे कहना? ७३१
२१३ वस्त्र का और कर्म का दृष्टांतिक संबंध ७५७ २०३ दिन का उद्योत रात्रि का अन्धकार ७३२
२१४ कर्म बंध के स्थिति आदि १६ द्वारों. ७६७*
" २०४ चौवीस ही दंडक में उद्योत अंधकार ७३४ । छद्रे शतक का-चौथा उद्देशा. ७८० २०५ मनुष्य लोक सिवाय काल प्रमाण कहीं। २१५ जीवादि काल माश्रिय सप्रदेशी अप्रदेशी भी नहीं
के भांगे १२०६ असंख्यात लोक अनंत अहोरात्र ७३७ २१६ जीवादि चौवीस दंडकपचक्खानी हैं क्या७९०
<3gp> विषयानुक्रमणिका
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