Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text ________________
मंदर
वियाहपण्णत्तिसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो १४५१ सहो पिट्ठ-पंतीए । सद्दो
पिट्ठ-पंतीए महोरगसंट्ठिय =महोरगसंस्थित
मंडिय=मण्डित - गोशालकपरि- ७१३-१७, विभाज्ञानभेद
३३७-१७ वर्तितनाम
७१४-६ महोवासतर ६२७-१ मंडियकुच्छि
७१३-२१ मंख=मङ्ख-भिक्षुविशेष ६९१-१४,६९२-३ मंडियपुत्त १५४-२४, १५५-२, १५६मंखत्तण ६९२-४, ६९३-१४
४, १५७-६, १५८-२, ८०३-१५ मंखलि ६९२-३, ७०४-१८ मंडुक्क-जातिआसीविस
३३४-३ मंखलिपुत्त ६८९-१२, ६९०-२, ६९१-२,
मंडकवसभ
६०१-१२ ६९३-१४, ६९५-९, ६९७ तः मंडक्कि= वनस्पतिविशेष ८९५-२० ७०५ पृष्ठेषु, ७०९-१७, ७१०
मंत = मत् ६, ७११-१, ७१३ तः ७२१ मंथ
३८३-१ पृष्ठेषु, ७२३ तः ७२९ पृष्ठेषु,
मंद-मन्द
१५१-११ ७३१-२५, ७३२-१, ७३६- , ,,-अमहत् १८८-५, १८९-११ १२, ७४२-६ मंदगति
१५१-४ मंगल ७९-५, १०२-१०, १३१-४,
१६९-१५, १७०-१७, १७२३०५-२, ४७०-५, ४९८
१३, १७४-५, १७५-३, १२, ५३९-२०, ५४२-७,
१७९-१३, १८३ तः १८७ ५४८-९, ६६४-५, ७१६-९
पृष्ठेषु, २५७-१३, २५८-१, मंगलग
४७०-१५
४०८-४, ५०४-११, ५३०मंगलोवयार
५४१-१५
११, ६२९-१०, ६४०-६, मंगल ८१-१५,९०-१३, १०२-१०,
७६३-२०, ७६४-१७,७७०५३८-४, ५३९-४, ५४०-५,
१९, ७८५-२२ ५४३-१७,५६४-१८ मंदरचूलिया ५३०-११, ७६३-२०, मंचाउत्त २५८-१८
७६४-१७ मंजरी १५-२ मंदवासा=मन्दवर्षा
१७४-६ मंजिट्ठवण्णाभ ५९२-१६ मंदबुट्टि
पृ० १७४ टि. ३ मंजिट्ठादोणी ३६४-६ मंदाणुभाग
१३-१०, १४-१ मंजिट्रिया
पृ० ८१३ टि०६ मंस ५३-१९, ९१-३, १६२-११ मंजिट्टी ८१३-२२ मंसाहार
२९५-१९ मंजुल ४६२-५,५३९-४ मंसु
५३-७, ५४-२, १६२-१३ मंडणधाई पृ० ५४७ टि. ४ मंसुरोम
२९४-१४ मंडल
१३३-१२, १३४-२, १४५-१ * मा मंडलरोग १७२-१७ -माएज्जा
६३०-२३ मंडलिय
५४३-१३ जमा=मा ६७-६, १९७-१७, २२८मंडलियमायरो=माण्डलिकमातरः ५४३-१३,
१७, ४९५-५, ६४३-२१, ७६३-५
७०८-८, ८०१-८ मंडव १३१-२१, ५१९-१८, ५४८-५ माइ=मायिन्
१६५-१४ मंडिय= मण्डित १०८-२१, १०९-६, माइत =मयूरित - सञ्जातपुष्पविशेषवन ५४१-१६, ८४४-९
१५-१
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556