Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सहो
१४९४
बिइयं परिसिटुं पिट्ठ-पंतीए । सद्दो
पिट्ठ-पंतीए २९२-६, ३११-५, ३१६-१३, वेहास १४८-३, १६३-१७, १६४-२, ३५५-८,३५६-३,५५६-२४,
२०७-१६, ६५३-४, ६५४-६, ७७९-१२, ८०८-१०, ८५६
६५६-३, ७१८-२, ८०७-११ ४, ८५७-१८ वैरोयणराया = वैरोचनराजा
१२४-४, वेराणुबंध १४२-१४
१७६-१२ वेरिय
१४१-१७ वैरोयणिंद =वैरोचनेन्द्र पृ० १२३ टि. १२ वेरियत्ता
वोकसिजमाण
५४-५, २०७-८ वेरुलिय ११८७-१७ वोगड
६६-१९ वेरोट्टा
*वोच्छ वेरोयणराया पृ० १२३ टि० १२ - वोच्छामि
२३-२० वेलंब = वायुकुमारदेवविशेष १७७-३ वोच्छिण्णसंसार
७५-१४ वेला वेला-समय १३१-२१, ५१९-१८
वोच्छिण्णसंसारवेदणिज्ज " =, -समुद्रतट १८९-८ वोच्छित्तिनयट्ठता
२८८-१९ वेल्लभार -
३८१-३ वोच्छिन्न ५४-५, ६६-१९, २७७-३, वेस= वेष ४६९-५, ५९६-१
४६२-१०, ५२३-२, ८३०-५ ,, = वेष्य - वेषोचित
१०२-१० * वोच्छिद वेसत्ता = द्वेष्यता ६००-१० - वोच्छिदिहिति
७३४-२१ वेसमण = वैश्रवण १३२-१६ वोच्छेद
८७७-१७ , -दिक्पाल ५२२-५ वोज्झ
४६७-१० , -चमर-बलिलोकपाल
बोदाण १०४-७, १०६-१६, १०८-१२ १७६-१२, ४९९-११ वोम
८५६-२१ = ,, - ईशानलोकपाल १७७- वोयडा [भासा]
४९३-१३ २०, १७९-९ वोयसिजमाण
पृ० २०७ टि०८ = .. -शकलोकपाल १६९-९, वोलड्रमाण ४८-१७, ४९-४, १५७-११, १७४-१६, १७५-१६, १७६
२६७-५ २, ५०३-१८ वोलुटमाण पृ० ४८ टि०२५, पृ० ४९ टि. ४ वेसमणकाइय , १७५-१७ वोलेहमाण
पृ० ४९ टि. ४ वेसमणदेवयकाइय
१७४-२१ वोसट्टमाण ४८-१७, ४९-३, १५७-११, वेसमणा= वैश्रवणा- चमरलोकपालवैश्रव
२६७-५ णराजधानी ४९९-११ वोसट्ट
४८९-९ वेसालिय ७७-१३, ८०-१९, ८२-७
*वोसिर वेसाली ३०८-५, ७१४-१६ - वोसिरामि
९३-११, ३१०-२० वेसालीयसावग
५६७-१४ व्व%=इव २९४-१६, ४६०-४, ५४१-१२ वेसासिय
८६-१७, ४६०-१६, वेसिय= व्येषित
२७८-२१ वेसियायण ७००-९, ७०१-४, ७०२-३ स-स्वक
७२२-१६ वेहाणस[मरण ८४-२० । सअ%D,
५००-१०, ७५९-१८
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