Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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१५००
बिइयं परिसिटुं सहो पिट्ठ-पंतीए । सहो
पिट्ठ-पंतीए सत्तरसम ७९१-६, ९४४-२४ सत्तिवण्णवण
पृ० १४ टि० १६ सत्तरसमसत-°सय ८७१-२, ८७३-१४, सत्तु = शत्रु
४७३-४ १०१६-१८ सत्तुद्देसय = सप्तमोद्देशक ८२२-२१ सत्तरसमुहुत्त
१८४-१० सत्तुस्सेह = सप्तहस्तोच्छ्रय २-५, ११९-१३ सत्तराइंदिय
सत्थशास्त्र
५४२-१,५४३-२, सत्तरि २३७-११
५४४-११ सत्तवण्णवडिंसय
१६९-१८ ,, = शस्त्र २११-१७,२६०-१५,२७८सत्तवण्णवण
१४-१६
२३, ३५३-२२, ५६२-२, सत्तवाससहस्सद्वितीय
६६३-३, ६६९-५, ६७०-५, सत्तविध ५२६-२१,६४९-१४, १०६४
८२०-१५, ८२७-१५ ९,१०६५-७, १०६६-१ सत्थजात-शस्त्रजात-शस्त्रसमूह ३५३-१९ सत्तविधउदीरय
१०३५-१ सत्थनिवडण= शस्त्रनिपतन १७२-१५ सत्तविह
१९३-११, २८०-२६, सत्थपरिणय% शस्त्रपरिणत ८३०-२१, ३२०-७, ४२२-३, ४८६-९,
८३१-१३ ५२८-६, ५८२-७, ८५१-२ सत्थपरिणामित शस्त्रपरिणामित १९०-१०, सत्तविहबंधग ३७६-५,५१०-१३,१११५
२७८-२१, २७९-५ ३, ११३४-२४, ११४४-१७, सत्थवज्झ= शस्त्रवध्य ७३७ तः ७४० पृष्ठेषु
११४६-२३, ११६२-१६ सत्थवाह = सार्थवाह १३२-१६, ४५५-१, सत्तविहबंधय १९५-१८, १९६-६, २६७
६४२-२२, ७३३-२३, २०, १०३४-४, १०५२-२४
७३५-१२ सत्तविहवेदय
१०५३-१० सत्थवाहत्ता= सार्थवाहता ६००-७ सत्तहत्तरि
२५९-१८ सत्थातीत = शस्त्रातीत १९०-११, १९१-१, सत्तहा=सप्तधा ५७४-१५, ५७५-२,
२७८-२१, २७९-५ ५७६-२४, ५७८-१० सत्थोवाडण[मरण]
८४-२० सत्तंग=सप्ताङ्ग
५२१-९ सद = शत ७३-४, पृ० ४९ टि. १ सत्ताणउय
११२-७, १७०-८ सदा ४९-६, १५६-८, ४६२-१७, सत्ताणुकंपा २९२-१५
__ ७८१-३ सत्तावण्ण ९५८-२५, ९६७-१७
सदेवमणुयासुर
७०९-७, ७३१-१८, सत्तावीस ३६-१५,३७-३,३८-७, ३९
७६४-१५ ४, ४०-५, ४१-१४ * सद्द सत्तावीसतिपएसिय
-सदह
७२९-१० सत्तावीसतिपएसोगाढ
- सद्दावेइ
१४६-८ सत्तावीसा
४२-४, ६३३-४ सद्द =शब्द १३६-२, १४८-२, १८२-३, सत्ति-शक्ति-अनविशेष
१९३-९, १९४-१, २३१-४, स-त्तिभाग-सत्रिभाग १७१-१४,
२९७-१२, २९८-३, ३३६१७३-१३
१७, ४५५-१०, ५९६-२, सत्तिवण्ण-°वन्न ८९८-१४, पृ० १६९ टि०८
६७०-१८, ६७१-९, ६७८
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