Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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'वियाहपण्णत्तिसुत्तं भाग १' गंथवायणाए जे० आयरिस पाठभेयाइ पिट्ठस्स पंतीए मुहियपाढो
जे० सन्नयभायरिसपाढो २८७ १८ वि जाव
वि। एवं जाव + २८९ १३ °गिहे जाव
गिहे नगरे जाव * २९१ १, ६ तए पु
त्तए पु १२९२ १५ पाणाणं जाव स
पाणाणं भूयाणं जीवाणं स १२९३ १२ वाइंति
वाहिति +, १५ विजुमेहा अस
विज्जुमेहा विसमेहा अस कब्बड
खब्बड २ भट्टिमा
भट्ठमा
गड्डा ३ °ताई गंगा
'ताइं च गंगा ७ वेलयभूया
तत्तकवेल्लयभूया दुनिष्कमा
दुन्निकमा १० दुगंधा
दुग्गंधा १६ डधडमुहा
°डवाडामुहा २३ ३. गू
३. भट्ठिमा लों विना । गू १ दुद्द-कि १ °फरूस
°फरुस ३ °विब्भल
°विंभल १० कमाहार'
किमाहार १२ इण्णे च्चेवणं
इण्णे, णो चेव ण १३ रूवी
mm
दद्द-कि
रूविं
अरूविं
, १३, १४ अरूवी १३०४ १४ २ चा ३०५ ४ कूणिए
५ उद्धव्वामणी हिं हय? १३ चमरे अ° ५ इ, उवा ६ रहं दुरूहइ, दुरूहित्ता १९ पुत्वं २१ °सति, परा
७ , २त्ता ११ दुरुहति १२ दुरुहित्ता
सेलोदाई सेवालोदाई
उदए णामुदए नम्मुदए अन्न " १५ सेलवालए
२त्ता कोणिए उगुव्वमाणीहिं उद्धुव्वमाणीहिं हय° चमरे य अ° इ, तेणेव उवा रहं हति, चाउग्घंटे रहं द्रूहेत्ता पुल्वि °सति, धणुं परा इ, रहं परावत्तेत्ता द्र्हति गुहेता सेलोदाई उदए णामुदए अन्न
संखवालए
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