Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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१४९६
बिइयं परिसिटुं सद्दो पिट्ठ-पंतीए | सद्दो
पिट्ठ-पंतीए सक्कविमाणवत्तव्वया
७८६-१
६.१-१,६८१-१, ७४९-१, सक[सीहासण] १४६-३, ५०३-१२
७५७-२१, ७८३-१३, ८०४* सकार
२१, ११८३-५ -सकारेइ १३१-३, १३२-३, सच्चभासानिव्वत्ति
८४७-७ ५४५-१८, ६६४-५ सच्च[मण]
६४८-१४ -सक्कारेति ५१९-२०, ५४४-७, सच्चमणजोय
९७१-८ ७५६-१०, १०६४-१७ सच्चमणनिव्वत्ति
८४७-१३ -सक्कारेत्ता ___ ७९-४, १३१-८ सच्चमणप्पओगपरिणय
३२७-४ -सकारेंति
५४७-१ सच्चमणप्पयोगपरिणत-°णय ३३१-१४, सक्कार ४६३-३, ५४६-३, ६६४-१४,
३३२-१६ ६६५-३, ६९८-१५, ७२६- सच्चमणमीसापरिणय
३३०-११ २४, ७२७-१२ सच्चवइजोय
९७१-९ सक्कारणिज ४९८-११ सच्चवइप्पयोगपरिणय
३२७-१५ सक्कारपुरक्कार[परीसह ३७५-२४ सच्चवादि
२८०-४ सक्कारिय ५४२-१३, ६०१-१, ६८१-१ सच्चा [भासा] २७९-२०, २८०-३, ६४८सग%=स्वक पृ० १०२ टि. १४
५, ७४९-१६ सगड २१७-९, ३८२-११ सच्चामोसमासानिध्वत्ति
८४७-७ सगडिया ९०-१७, ९१-१ सच्चामोसमणजोय
९७१-८ सगडी-सागड= शकटि-शाकट ७०५-१८ सच्चामोसमणप्पयोगप[रिणत] ३२७-५, सगडुद्धिसंठिया[दिसा] ६२९-२०
३३१-१५ सगब्भ ५२१-३ सच्चामोसवइजोय
९७१-९ सगल
११५-२ सच्चामोसा [भासा] ६४८-५, ७४९-१३, सगहा=सक्थिन् - अस्थिन् पृ० ४९८ टि०३
८१५-८ स-गंध ५२४-३ सच्चित्त
पृ. १०२ टि. २१ १९८-२३ ,, [उवहि]
८१६-४ सग्गकंखिय
५५-३ असच्चेव =सा चैव ६०६-१०, ७१५-१४, सरंगकामय
५५-२
९०७-२३, १०७४-२५, सग्गपिवासिय
११०३-८ सचित्त १०२-१४, २१६-८, २१८-२,
सच्चोवाय = सत्यावपात ६०१-२, ६८१-१ २२५-१२, २९७-५, ४५२- स-च्छत्त
३०८-१४ १०, ५३३-१९, ६४९-३ स-जोग
२०३-९, ३८४-५ सचित्ता
६४७-१२ सजोगि २४५-५, ३४८-१६, ४१५-१, सचित्ताहार
६३९-११
४१८-१४, ७९६-५, ७९९सच्च २६-९, २९-१५, ३०-११, १०५
८, १०३०-१९, १०३१-१ तः १०८ पृष्ठेषु, १२३-१,
१०५०-२४, १०७३-२०, ३१४-११, ३२७-१२, ४६३
१०७४-१४, १०९३-११, १६, ४६४-१४, ५५६-८,
१०९६-२१, ११००-१२
सग्ग
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