Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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वेणि
वेणु
वियाहपण्णत्तिसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुक्कमो १४९१ सद्दो पिट्ठ-पंतीए । सहो
पिट्ठ-पंतीए वेउब्वियसरीर] ३७-१७, ३८-१०, ५२- वेणइया [बुद्धि]
५८८-१५ १६,६२-१०, ७५-९, ३२३
७०८-१४ ४, ३२४-१, ५८९-१८,
८९४-१९ ५९०-४, ६३१-६, ९७३-६, वेणुदालि = सुवर्णकुमारदेवविशेष १७६-१८
१०२३-२२, १०२४-३ वेणुदेव , वेउव्वियसरीर = वैक्रियशरीरिन् ८११-७ वेणुया
८९४-१९ वेउव्वियसरीररकायजोय ९७१-१० वेतरणि% देवविशेष
१७३-११ वेउब्वियसरीरकायप्पयोगपरिणय ३२९-८ वेतित = वेदित
१५७-२२ वेउब्वियसरीरकायप्प[योगपरिणय] ३२७-१९ वेतियंत वेदिकान्त
२४७-१८ वेउव्वियसरीरचलणा ७८२-१७ वेत्त
८९५-३ वेउब्वियसरीरत्ता ५८६-९, ९७४-१६ वेत्तलया
३८१-३ वेउव्वियसरीरपायोग्ग
५८६-९ * वेद वेउव्वियसरीरप्पओगबंध ३८३-१५ - अ-वेदइत्ता
३२-७ वेउब्वियसरीरप्पयोगनाम[कम्म] ३८७-२३ - वेएंति
२९-९ वेउव्विय सरीरप्पयोगपरिणय] ३२६-३ -वेदिस्संति
२५-१९, २८७-१९ वेउब्वियसरीरप्पयोगबंध ३८७-१४, -वेदि
२५-१९ ३८८-१९ F-वेदेइ २९-२, ९६-१३, ३७६-६ वेउव्वियसरीरप्पयोगबंधंतर ३८९-१४ -वेदेति १५-१६, २१०-१५, ३०१वेउव्वियसरीरभेद ३८७-१९
१, ७५१-११, १०३४-१६ वेउन्वियसरीरि २४५-१२ - वेदेमो
२९-१४ १४९-६, ११८३-१६ - वेदेति ५-८, २०४-७, ४८९-५, वेजयंत[देव] २२३-१७, ८२२-४, ९५९
६०२-२१, ७४७-२२, २२, ९६७-२४
१११५-८ वेजयंतअणुत्तरोववातिया कप्पातीत
- वेदेंसु
२८७-७ माणियदेव] ९५९-२० वेद = वेदशास्त्र
७७-७, ३३७-१३ वेजयंती = वैजयन्ती - इङ्गालग्रहाग्रमहिषी
= कर्मवेदन ६-१०,५०६-९,८९१-३ ५०२-२३ = स्त्र्यादिवेद ९६-१३, ९७-६, ७५२-१७
२४६-३, ६२२-१५, ७९६ - वेढ
१५, ८७५-८, ९०४-६, - वेटेति
२७५-१६
९१२-१३, ९५६-१, १०१७- वेढेत्ता
३, १०७४-२३, ११६३-१५, वेढिम
११६४-११, ११६९-६ वेणइय
८७-४ वेदकरण
८५१-३ वेणइयवादि-वाइ १०९२-४, १०९३-२,
वेदग
५०८-७, ११४४-१ १०९४-३, १०९५-१,
वेदणअहियासणया
७८३-१५ १०९७-८, १०९८-३, . वेदणउदीरणया
१४१-१७ १०९९-१२, ११०१-१० । वेदणउवसामणया
१४१-१८
वेग
वेज
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