Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सहो
वियाहपण्णत्तिसुत्सतग्गयाणं सहाणमणुकमो
१४८९ पिट्ठ-पंतीए । सहो
पिट्ट-पतीए वीईवयमाण २४८-१२ वीयरागछउमत्थ
३७६-१७ वीचिदव्य
६७२-११
वीयि =वीचि ४८८-३,६५४-१८, ७६३वीणा ७२५-४
१६, ७६६-९ वीतधूम २७७-२४, २७८-१, २७९-२ " = , - आकाशास्तिकाय. बीतरागसंजत
२१-२
नामान्तर
८५६-१९ * वीतिकम
वीयीभय
६४३-१४ -वीतिकमावत्ता
१७८-९ * वीयीवय वीतिकमिजमाण
३७०-१
- वीयीवएजा ६६३-२२, ६६४-९ वीतिकत ७०-१, ३७०-५, ४९०-१६,
-वीयीवयामि ५३९-२३, ६५८-१०, वीयीवयमाण
१४८-९, ८१८-७ ७१३-१३ . वीर
५४०-३ वीतिगाल २७७-२०, २७८-१, २७९-२ वीरग
७२५-४ वीतीभय ६४१ तः ६४४ पृष्ठेषु, ६४६-६ वीरण
८९५-३ *वीतीवत
वीरणथंभ
७६५-२१ -वीतीवतित्ता १७९-१७ वीरासण
८९-१५, ९०-७ * वीतीबय
वीरिय २७-१८, २८-१०, ६०-७, ९१-वीतीवइजा
४९१-२
१४, १३३-८, १६७-४, १६८- वीतीवइत्ता १६९-२०, २४७-१७,
४, २९९-९, ३४६-९, ४६१४९१-११, ६४०-१३, ७३२
५८८-१९, ६७०-१९, २, ७३९-९
६९८-१, ८५७-२० - वीतीवएजा २४८-१३, ४९२-७, वीरियत्ता
३१-६ ६६४-१, ८२१-५ वीरिय-प्पवह -वीतीवएत्ता
४९१-१० वीरियलद्धि ५४-१०, १६७-३, १६८-३ -वीतीवतित्ता
३४२-१६, ३४३-६ -बीतीवयइ ५९३-२, ८१८-४ वीरियलद्धीय
१६६-४, १६७-८ -वीतीवयति १४-४, ६८-१५, ३१३
वीरियवज्झ=वीर्यवध्य
५९-१७ १४, ६८६-६, ७०५-८ वीरियसजोगसद्दव्वता-°चया २०३-९, -बीतीवयंति ६१-१४, ५६९-१२,
३८४-५, ३८७-२३, ३८८६८५-१९
२, ३९१-११, ३९२-११ वीतीवयमाण १४९-१३, ७०५-१० वीरियसंपन्न
पृ० १०१ टि०५ वीमंसा १०५९-१९ वीरियंतराय
३९४-१६ वीयणग
४६०-१३ वीरियाया = वीर्यात्मन् ६९७-२०, वीयणिया=व्यजनिका ४७२-७
६०८-१३, ६०९-७ वीयधूम
२७७-२० वीस २२३-१४, २३७-१५, २६०-३, वीयमाणी
४६९-११
२६१-२४, ३७६-६, ७१४वीयराग २१-१७, १०१९-२२, १०२०
७, ७८४-२३, १०८३-२, २, १०४३-२१
११२६-२०
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