Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सहो
१४६२
बिइयं परिसिटुं पिट्ठ-पंतीए । सद्दो
पिट्ठ-पंतीए रातिय रात्रिक
१४५-१० #राया = राजा १३६-४, ३०४-४, ४९९राति = रात्री
२२५-१९
४, ५०३-११, ६४०-१९, रातिदिय २२३-१३, २२७-१९,
७३३-१९, ८०३-३ २२८-२, २२९-८, ६९२- रायाणं =राजानम् ५२०-१, ६४५-३ १४, ७४४-१, ९३३-१०, रायाणो = राजानः ५१६-१९, ५१९-१७, ९३५-२६, ११५९-६
६०२-१० रातिदियसत २२३-१५, ९३६-१ राजानौ ५९५-१०, ५९६-१३ राती रात्रि
५३४-९, ५३५-१ रायाभिओग ३०८-९, ५१८-१२, ५१९,, ,, -सोमलोकपालाप्रम
५, ५५२-२०, ६४४-२२, हिषी ५०४-२
७३३-१८ रामरक्खिया = रामरक्षिता-ईशानेन्द्रा
रायी =रात्रि-चमरेन्द्राममहिषी ४९७-२० ग्रमहिषी
५०३-२२ रायोग्गह
७४८-२२ रामा = रामा = ईशानेन्द्राग्रमहिषी ,
रालग
२५९-७, ८९४-११
रासि ९१-४, ३८१-१५, # राय = राजन् १३६-१६, ४६३-८,
७१९-६,
७६५-१०, ८०९-८, ११०४५३९-२, ६४५-८, ७३५- ' रायकुल
८, ११४२-१०, ११४३-१, ५४८-१३, ५५२-१५
११७२-६ करायगिह १-११, १०५-१३, २२५-९,
रासीजुम्म
११७२-३ ३१२-११,४०६-१८,५०६
रासीजुम्मकडजुम्म
११७२-७ १८, ६१५-७, ७१३-२०,
रासीजुम्मकडजुम्मअमरकुमार ११७३-१९ ८०३-१२, ९०४-१२,
रासीजुम्मकडजुम्मनेरतिय ११७२-११ १०१७-१३, ११०४-३
रासीजुम्मकलियोग
११७२-८ रायत्ता=राजत्व ६००-६, ७७३-१४
रासीजुम्मकलियोगनेरतिय ११७६-३ रायपसेणइज १२९-१३, ३०१-१४,
रासीजुम्मतेयोयनेरतिय ११७४-२५ ४६५-१२, ४६८-५, ५०४- रासीजुम्मदावरजुम्मनेरतिय ११७५-१४ १२, ५४८-४, ५५०-११, रासीजुम्मसत-°सय ११७४-२२, ११८२८००-२०
२१, ११८३-९, ११८५-१२ रायपिंड २०९-१७, २१०-२, ४६४-४ राह = गोशालकपरिवर्तितनाम ७१३-१८, रायप्पसेणइज १६८-१८,३३७-१, ६३८
७१४-१० ८, ६४१-१, ८३२-१० राहु १७१-१३, ५६०-३, ५९२-७, रायरिसि ५२० तः ५२५ पृष्ठेषु, ६४६-१३
५९३-१,५९४-१ रायवरकन्ना ५४८-१४ राहुविमाण
५९२-१२ * रिअ=ऋ-गम्
६०२-११ रायवरसहस्स
-रियति
१८९-१४, २७७-८ रायवल्ली
९०२-१९
रिउव्वेद रायहंस
रिजुम्वेद
५५७-१८ रायहाणी १४-१०, ११२-५, ४९८-४, रिट्र =रिष्ट-लोकान्तिकदेव २५४-१३, ५०१-१,६४०-९, ७७०-२४
२५५-३
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