Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 03
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 436
________________ वियाहपण्णत्तिसुत्तंतग्गयाणं सहाणमणुकमो १४५९ पिट्ठ-पंतीए सहो पिट्ठ-पंतीए रतण ५३७-१३ रम्मगवास ८७६-१३ रतणप्पभपुढविखुडाकडजुम्मनेरइय रम्मग [वास] २६१-१ ११०५-५ रतणप्पभपुढविनेरइय ६६६-१२, ९१८-६ -रएइ ५२१-५ रतणप्पभपुढविभवसिद्धीयखुडाक -रएह ५४१-२ डजुम्मनेरतिय ११०८-११ रय%रजस् ४७४-८ रतणप्पभा [पुढवी] ३४ तः ३७ पृष्ठेषु, ऊरयण = रत्न १३०-२२, ३५५-१२, ११२-३, ११७-६, १२०-४, ४५१-११, ५३९-५, ६०२५९८-३, ७३८-१४, ७७३ १०, ७३४-६ १७, ११२९-१, ११३८-२० रयण[आगर] १७५-५ रतणप्पभापुढविनेरइयपंचिंदिय रयणकरंडग-डय ४६६-२५, ७४०-७ पयोगपरिणत ३२०-८ रयणघंटिया ४६८-६ रति ६४१-४, ६६२-१३ रयणत्ता= रचनात्व ८२०-१९ रतिअरति ६१-८ रयणपेला ६५३-१४ रतिकरपव्वय ७४८-१५ रयणप्पभआउकाइय ७८८-१ रतिप्पिया=रतिप्रिया रयणप्पभपुढवि ९१३-७, ९२०-६, किन्नरेन्द्राप्रमहिषी ५०२-१ रतिय =रतिक ३०५-४ रयणप्पभपुढविकाउलेस्सखुडारतिसेणा=रतिसेना कडजुम्मनेरतिय ११०७-२० किन्नरेन्द्राप्रमहिषी ५०२-१ रयणप्पभपुढविगमग ९१५-११ रत्त-रक्त-रक्तवर्णीय ९१-१७,३६४-७, रयणप्पभपुढविजहन्नकालद्वितीय ९१६-१५ ६८९-१० रयणप्पभपुढविनेरइय ६२७-२२, ९११-२३, , , - रञ्जित ५५-२, १००-९ ९४६-२, ९५६-१४ ,, = ,, - आच्छादित ५९४-९ रयणप्पभ[पुढविनेरइय] ९१२-१५ " रात्र १४७-२१, ७२६-५ रयणप्पभा=रत्मप्रभा-भीमरारत्तच्छ =रक्ताक्ष ७०८-१४ क्षसेन्द्राप्रमहिषी ५०१-२१ रत्तरयण १३०-२२, ३५५-१३ रयणप्पभाग ३९०-८ रत्तंसुय-रक्तांशुक-वस्त्रविशेष ५३८-१ रयणप्पभापुढवि १९३-११, ३२४-१३, रत्तिप्पमाणकाल ___९९०-१३. रति रात्री ८९-१५, २२६-२ रयणप्पभा[पुढवि] ३४-१८, ३६-१६, रत्तुप्पल ५३८-७ ३८-२, ११०-४, २२२-१९, रन-अरण्य पृ. १४३ टि. ९ २५६-१२, २५७-५, २६३रनोराज्ञः ६४२-१, ७३३-७, ८, २६४-३, ३५४-४, ८३९-१८ ४२२तः ४२८ पृष्ठेषु, ४३०-१, रमणिज १११-८, १६९-१६, २६२-५, ४३१-१, ४३३तः ४४२ पृष्ठेषु, ५३८-५, ६७३-६, ७८५-२३ ५०४-११,५७२-१३, ६०११४, ६१०-१४, ६११-१२, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556