Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

Previous | Next

Page 12
________________ २६ सातवे समवाय में नारकियों आदि के स्थित्यादिका निरूपण ९९-१०३ २७ आठवे समवाय में मदस्थानादि का निरूपण १०४-१११ २८ नव वे समवाय में नव ब्रह्मचर्य गुप्ति आदि का निरूपण ११२-११८ २९ नव वे समवाय में नारकिकों की स्थित्यादि का निरूपण ११९-१२४ ३० दशवे समवाय में श्रमणधर्मादि का निरुपणम् १२५-१३२ ३१ दशवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण १३३-१३७ ३२ ग्यारहवे समवाय में ग्यारह उपासक प्रतिमादिका निरूपण १३८-१४६ ३३ ग्यारहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण १४७-१४८ ३४ बारह वे समवाय में भिक्षुपतिमा आदिका निरूपण १४९-१६५ ३५ बारहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूपण १६५-१६७ ३६ तेरहवे समवाय में तेरह क्रियास्थानादिका निरूपण १६७-१७२ ३७ तेरहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण १७३-१७५ ३८ चोदहवे समवाय में चौदह जीवसमूह का निरुपण १७५-१९० ३९ चौदह वे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूगण १९१-१९३ ४० पंद्रहवे समवाय में पंद्रह परमाधर्मिकों का निरूपण १९३-२०४ ४१ पंद्रहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण २०५-२०७ ४२ सोलहवे समवाय में गाथा षोडषादि का निरुपण २०७-२१५ ४३ सोलहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूपण २१५-२१७ ४४ सतरहवें समवाय में सतरह असंयमादि का निरूपण २१७-२२० ४५ सतरहवे समवायमें जंधाचारणादि मुनियो के गत्यादिका निरूपण २२०-२२८ ४६ सतरहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूपण २२९-२३१ ४७ अठारहवे समवाय अठारह प्रकार के ब्रह्मचर्यादिका निरूपण २३१-२३६ ४८ अठारहवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिक निरूपण २३६-२३८ ४९ उन्नीसवे समवाय में उन्नीसज्ञाताधर्मकथा आदिका निरूपण २३९-२४४ ५० उन्नीसवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूपण २४५-२४६ ५१ वीसवे समवाय में बीस असमाधि स्थानादिका निरूपण २४७-२५१ ५२ वीसवे समवायमें नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण २५१-२५३ ५३ एकवीसवे समवायमें एकवीसशबलादि का निरूपण २५३-२६२ શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 1219