Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

Previous | Next

Page 11
________________ अनुक्रमाङ्क श्री. समवाया सूत्रकी विषयानुक्रमणिका विषय १ मङ्गलाचरण २ अवतरणिका पहला समवाय ३ बारह प्रकार के गणिपिटक का निरूपण ४ आत्मा अनात्मा के स्वरूप का निरूपण ५ आत्मा के क्रियात्व अथवा अक्रिय आदिका निरूपण ६ लोकालोक का निरूपण ७ धर्माधर्म का निरूपण ८ पापपुण्ण का निरूपण ९ बंधमोक्ष का निरूपण १० आसव और संवर का निरूपण ११ वेदना और निर्जरा का निरूपण दूसरा समवाय १५ दंडादिका निरूपण १६ दोसंख्या विशिष्ट देवादिको की स्थिति का निरूपणम् पृष्ठाङ्क १-२ ३-८ १२ सप्तसूत्रीद्वारा आश्रय विशेष का निरूपण १३ चार गति के आश्रयी रहनेवाले जीवां की स्थिति आदि धर्म का निरूपण ४१-४६ १४ देवों के स्थित्यादि का निरूपण ४७-५० १८ तीसरा समवाय में नारकियों के स्थित्यादिका निरूपण १९ चौथे समवाय में कषायादि का निरूपण २० चौथे समवायमे नारकियों की स्थित्यादि का निरूपण २१ पांचवे समवाय में क्रियादि का निरूपण ९-११ ११-१९ २०-२१ २१-२२ २३-२४ २५-२८ શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર २९-३४ ३५-३६ ३७-३८ ३९-४० ५०-५१ ५३-५४ १७ तीन संख्याविशिष्ट तीसरा समवाय में तीन प्रकार के दण्डादिका निरूपण ५५-६० ६१-६४ ६५-७० ७१-७२ ७३-७७ ७८-८० २२ पांचवे समवाय में नारकियों के स्थित्यादि का निरूपण २३ छट्ठे समवाय में लेश्यादि का निरूपण ८१-८८ ८९-९० २४ छट्ठेसमवाय में नारकियों की स्थित्यादि का निरूपण २५ सातवे समवाय में इहलोकभय परलोकभय का निरूपण ९१-९८

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 1219