________________ काजी खुदावक्स जो उस समय करांची के मेयर थे उन्हों ने गुजरात नगर में कुत्ते मारने का काम बन्ध कराया था। नेटी, जेटी दरिया के भागपर हमेश के लिये मछी मारना वहां के गोरे कमिश्नर सा. ने बन्ध कराया, हिन्दु समाज के नेता डोकटर हिंगुरानी तथा सेक्रेटरी श्री दयालसिंह जीने जीवदया कराने का बडा ही लाभ लिया। करांची से विहार कर बालोत्तरा पधारे वि. सं, 1994 में वहां चौरासी उपवास किया, पारणा के उपलक्ष्य में सोलह सौ गांव में अगता पला पारणा करके पीछे तेविहार संथारा किया लगभग पच्चीस दिन का संथारा आया, आसोज सुदि दशम के दिन सुवह देवलोक हुवे जिसमें तमाम गाम वालोंने अपना समग्र कार्य बंध रखा. पूज्य आचार्य श्री आगमोद्धारक जैन धर्म दिवाकर श्री घासीलालजी म.सा. का संयोग मिलने से तथा वर्तमान समय में जीनवाणी सेवा का अपूर्व कार्य जो अहमदावाद में शास्त्रोद्धारसमिति कर रही है यह भी उन्हीं महाभाग तपस्वीराज की आकांक्षा और आशीर्वाद का ही शुभफलरूप में स्थानकवासी जैनसमाज के संमुख है। तथा पंजाब केसरी आगम वारिधि आदि अनेक पदवीयों से अलंकृत श्रवण संघ के प्रधानाचार्य आत्मारामजी म.सा. की वि. सं. 1991 साल में किशनगढमें कृत प्रबलप्रेरणाकाही फल स्वरूप है ऐसे प्रभाविक महात्मा पुन: पुन: इस भारत भूमि को पावन करने के हेतु परिपके हो यही शुभ भावना। શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર