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(GU) प्रगटे . तेमां जेने जे बाबतमां वधारे आवरण ले ते माणस ते बाबतमां वीर्य फोरवी शकतो नथी. जे काम संबंधी आवरण टल्यां , ते काममां शक्ति फोरवी शके .हवे तेमां पण केटलाएक जीवो मद करे ले के मारा जेवो कोण बलवान बे. दश माणसने हुँ एकलो मारी नाखु. एवो मद करीने वीर्यातराय कर्म पाचं बांधे, ते जीवने फरी एटली पण वीर्य शक्ति नहि प्रगटे. वली जे जे कलामां जेनी शक्ति चाले ते ते बाबतनो मद अझानी जीव करे , तेना प्रन्नावथी वीर्यांतराय कर्म बंधाय ; अने एवी रीते अनादिकालथी जीव वीयाँतराय कर्म बांध्याज करे ने ने ते कर्म नोगव्या करे , पण ज्यारे जीवनीनवस्थिति परिपाक थाय ने त्यारे मोद पामवानो नजीक वखत आवे , त्यारे सारी नीतिमां वर्तवा सत्संग सद्गुरु प्रमुखनो जोग प्राय ने ने धर्म सांजलवानी जोगवाई मले . ते सांजलवामां जीव वीर्य फोरवे ने अने ते ज्ञान ग्रहण करे . वीतरागना ज्ञान नपर प्रीति जागे अने धर्म सन्मुख थाय ने संसारमा वीर्य फोरववानी बुद्धि नबी थाय ले त्यारे धर्ममां बुद्धिफोरवाय ने अने सम्यक् गुण तथा श्रावकपणाना गुण प्रगट करवा नजमाल थायडे त्यारे वीर्यनो क्षयोपशम थाय .सम्यक्तपणामांतथा श्रावकपणामां जे जे गंमवा जोगले ते ते गंमे, आदरवा जोग जे आत्म धर्म ते आदरवामां वीर्य फोरायमान थाय. श्रावकनां बार व्रत श्रावकनी अगीयार पमीमा अंगीकार करे , ते पालवामां वीर्य फोरवे , तपस्या प्रमुखमां पण वीर्य फोरवे अनेकयोपशमश्री जेटलुं वीर्य प्रगट्यु ले तेने अनुसारे धर्ममां वीर्य फोरवे बे, पण संजम पालवा जेवो वीर्यनो क्षयोपशम नथी श्रयो त्यां सुधी संजम लेइ शकतो नथी, ने संजममा वीर्य फोरवी शकतो नथी; अने संसारमा रह्यो तेथी संसारमा वीर्य फोरवे माटे तेने