Book Title: Adhar Dushan Nivarak
Author(s): Anopchand Malukchand Sheth
Publisher: Anopchand Malukchand Sheth

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Page 201
________________ (१७३) बखते माणस फीकरमा गांमा थाय ने बुद्धि ब्रट थाय, ब्र. मित थाय . आ म्होर्दै प्रगट नुकशान . वली जगतमां पण आबरु नयी पामता. वली राजकर्ता यवन राजा ने तो पण श्रा रमवा कुटवानी रीतने धिक्कारे . आपणे जगतमां ऊंच कोम कहेवाइए, तेनो नीच कोम हांसी करे ए आपणी आबरुने केटलुं होगुं लगामनार . वजार बच्चे रमवू कुटवू ते जोर रस्ते चालता माणसने केटली इजा श्राय ने हांसी करे . वली केटलाएक देशमा लाज काढवावालां बैरां , तेम उतां मायानो मो कमरे बांधीने कुटे , के ऊपर अंग बधुं खुलं रहे , आ केवू हांसी कारक .पा रीत नीच कोम जेवी ने के नहीं ते विचारथी जुए तो समजाय. हमेश माणसने गतीनुं जोर सालं होय तो बुडि सारी रहे रे ने गतीए जोरथी कुटवाश्री गतीनी कमजोरी थाय ने तेथी चुहिनी पण हानी श्राय बे, वली एश्री गतीमांहार्टमिसीऊ रोग (इंग्रेजीमांकहे ते) थाय ने, ए रोग एवो के ए रोगवालो एकदम मरी जाय ठे वली काम करवाने अशक्त थाय ने, ने तेम हालमा गतीना दरदवाला घणा माणस म्हारा जोवामां आवे ते माणसने तप, संयम ज्ञान अभ्यास करवानी बहु हरकत आवे बे, अमदावाद जेवा शेरमा घणो चाल हतो ते केटलोक फेरव्यो , तेटलो बीजा शहेरमा फर्यो नथी, पण म्हारा विचार प्रमाणे अने झानी पुरुषो श्रइ गया तेमना विचार प्रमाणे प्रा चाल बंध करवा योग्य डे आपणा देव वीतराग ने अने तेमनो हुकम पण वीतराग दशा लाववानो ने तो माणस मरी गयु ते जोइने विचारवानुं छे के आ माणस बाल नमरमां मरण पाम्यो तो हुँ क्यारे मरीश ते खबर नथी तथा हुँ घरमो प्रश्ने मरीश ए पण निश्चे नयी तो म्हारे हवे धर्ममांऊजमाल था

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