Book Title: Adhar Dushan Nivarak
Author(s): Anopchand Malukchand Sheth
Publisher: Anopchand Malukchand Sheth

View full book text
Previous | Next

Page 212
________________ (२०४) देखाय ने तेमां दलालीना धंधाने हमो वखोमता नथी, कारण के ए वेपार वगर जोखमनो , नुकशाननुं नाम नथी ए पेदा करवानोज धंधो ले पण जे सट्टाना दलालो ने ते दलाली नषर संतोष करीने रहे तो जरुर दलालीमा सारु पेदा करे पण ते द. लालो पाग सानो धंधो करी दलालीमां पेदा करेलुं सहामां बहोलताए आपेठे एटले दलालोने पण सुखी थवानो वखत मलतो नथी वली जेना बाप साना घंधा करता होय तेना गेकरा पण एज वेपारमा पमे. तेमनी वधारे नगवा गणवानी बुदि पण जागती नथी तेम मा बापने पण नणाववानी कालजी रहेती नथी माटे सट्टानो वेपार जैन कोमने करवो नही एवो न्याती वा संघ तरफश्री बंदोबस्त थाय तो जैन कोमने बीजा वेपार करवानी खोजना थाय.माता पिताने अने गेकरांनने नपवानी बुद्धि थाय तेथी गेकरांन विक्षन थाय तो न्याय अन्याय सहेजे समजे अने अन्याय सहेजे त्याग करे, माटे हरेक प्रकारे सहाना धंधा बूटे एवा नाषणो तथा मुनी महाराजनो नपदेश जारी करी माणसोना मनमा ठसावी पी न्यातीनो बंदोबस्त थाय तो सारी रीते सुघरवानुं स्थानक डे. ३ त्रीजुं के जैन कोममा विद्यान्यासनी घणी खामी ने माटे जैनने विद्याच्यासमां जोमवा जोशए. ते जोमवानुं काम नाणानु डे नाणां विना बनतुं नथी हवे नाणां गां करवामां एवं थर्बु जोइए के जे नाणुं खर्चाय ले तेमांथी बचावीने नाणां कढाववां जोइए, के कोम खरचना बोजामां आवे नही ते सारु मन एम थाय ले के लगन सिमंतअनेमर्ण पाबळ हजारो रुपिआ खर्चाय . केटलीक न्यातमा केटला एक शहेरमां लगनमां एक एक करो परणे त्यारे पैशा वहेंचवानो सो सो दोढसो दोढसो रुपीया खरच थाय ले ते बुम काढी नांखो ते ख

Loading...

Page Navigation
1 ... 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232